यह भी पढ़ें- डॉक्टर के पास इलाज कराने गई महिलाओं के साथ अचानक हुआ कुछ ऐसा कि 26 घंटे से हैं बेहोश ज्ञात हो कि सोशल मीडिया पर शुरू हुआ क्रिकेटर मोहम्मद शमी और हसीन जहां विवाद मीडिया की सुर्खियां बना। इसके बाद हसीन जहां ने एक के बाद एक गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद बीसीसीआई ने शमी का कांट्रेक्ट तक खत्म कर दिया। हालांकि बाद में इसे वापस ले लिया गया। इसके बाद हसीन जहां और शमी की लड़ाई थाने से लेकर कोर्ट तक पहुंची। लेकिन, इस विवाद ने उस समय नया मोड़ ले लिया जब छह मई को अचानक अपनी बेटी और वकील के साथ हसीनजहां कोलकाता से अमरोहा पहुंची। यहां से डिडौली कोतवाली से पुलिस को साथ लेकर वे अपनी ससुराल गांव सहसपुर अलीनगर पहुंचीं। हसीन का आरोप था कि उनके आने की सूचना मिलते ही ससुराल में मौजूद लोग घर पर ताला लगाकर भाग निकले। इसके बावजूद हसीन यहां एक सप्ताह तक जोया में एक बसपा नेता के घर में रुकीं।
यह भी पढ़ें- सच साबित हुई इस ज्योतिषाचार्य की भविष्यवाणी, अब कहा- शनि जयंती तक देश पर मंडराता रहेगा तूफान का खतरा इस दौरान उन्होंने एसपी से लेकर प्रशासनिक अफसरों से मुलाकात की। उन्होंने तुर्क बिरादरी के सामने अपना पक्ष भी रखा। इसमें उन्हें आश्वासन मिला कि शमी के गांव आते ही पंचायत में कोई न कोई हल जरूर निकाला जाएगा। इसके बाद पंचायत ने 14 मई का समय निर्धारित किया। लेकिन, देर शाम तक इस पंचायत में न तो शमी पहुंचे और न ही हसीन जहां। पंचायत के लोगों का दावा है कि व्यस्तता के चलते शमी ने आने में असर्मथता जताई है। समय मिलते ही वे जरूर आएंगे। वहीं इस संबंध में हसीन जहां ने कहा है कि शमी की पंचायत के लोगों से क्या बात हुई है, इस बारे में उन्हें कुछ नहीं बताया गया है। फिलहाल वे कोलकाता में हैं। अगर जरूरी हुआ तो पंचायत के लोगों से बात करेंगी।