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VIDEO : उमस और गर्मी के बाद झमाझम बारिश, वार्षिक औसत से 185.6 एमएम कम रह गया है आंकड़ा

VIDEO : उमस और गर्मी के बाद झमाझम बारिश, वार्षिक औसत से 185.6 एमएम कम रह गया है आंकड़ा

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उमस और गर्मी के बाद झमाझम बारिश, वार्षिक औसत से 185.6 एमएम कम रह गया है आंकड़ा

उमस और गर्मी के बाद झमाझम बारिश, वार्षिक औसत से 185.6 एमएम कम रह गया है आंकड़ा

मुरैना । तीन दिन से जारी उमस और गर्मी के बाद बुधवार को तेज बारिश हुई। हालांकि बारिश ज्यादा देर नहीं हुई, लेकिन करीब 40 मिनट की बारिश में ही शहर के निचले हिस्सों में पानी भर गया। बारिश शुरू होने से पहले ही शहर के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई, जिससे उमस और गर्मी से लोग परेशान रहे। बारिश थमने के करीब 45 मिनट बाद बिजली आपूर्ति बहाल होने पर लोगों ने राहत महसूस की।
आंकड़ों के लिहाज से देखें तो बुधवार को सुबह तक जिले में औसत 521.3 एमएम बारिश हो चुकी है। बारिशा के यह आंकड़े बीते साल की तुलना में 223.6 एमएम अधिक हैं। बीते साल इसी अवधि में 297.7 एमएम बारिश हुई थी। जिले की वार्षिक औसत बरसात 706.9 एमएम से इस साल अब तक का आंकड़ा महज 185.6 एमएम कम है।

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बुधवार की बारिश के आंकड़े आने के बाद यह अंतर और कम हो सकता है। उम्मीद की जा रही है कि इस साल कुल औसत बरसात से भी आंकड़ा आगे निकल सकता है। आसमान में घने और काले बादल छाए रहने से बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने 23 अगस्त को 17, 24 को 30, 25 को 21 एवं 26 अगस्त को 20 एमएम बारिश की संभावना व्यक्त की है। बुधवार को आधे घंटे से ज्यादा देर तक तेज बारिश होने से स्टेशन से बैरियर चौराहा साइड की एमएस रोड पर कई जगह पानी भर गया। वहीं बिजली कंपनी, नगर निगम, कलेक्ट्रेट परिसर सहित गांधी बाल निकेतन रोड पर भी पानी भर गया। इससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई।

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किसानों को भरा हुआ पानी निकालना चाहिए

बारिश के इस मौसम में किसानों को खास सावधानी बरतनी होगी। आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र ने सलाह दी है कि बाजरे की फसलों में बाली निकलने की अवस्था बन रही है। इसलिए खेतों में भरे हुए बारिश के अतिरिक्त जल को निकालने की व्यवस्था करें। मक्के की फसलों में तना छेदक कीट व्याधि हो सकती है। इसके नियंत्रण के लिए फॉरेट दानेदार दवा 10 किग्रा प्रति हैक्टेयर भुरकाव करने की सला दी गई है। खेत की निराई के बाद नत्रजन की शेष मात्रा भी किसानों को डालनी चाहिए। उड़द व मूंग की फसलों में खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवारनाशी रसायन इमेजाथाइपर 10 प्रतिशत की 60 ग्राम मात्रा प्रति हैक्टेयर 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई है।

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आगामी चार दिन तक अच्छी बारिश और बादलों की स्थिति रहेगी। इस दौरान किसानों को इसके अनुसार ही खेतों से अतिरिक्त जल निकासी और कीटनाशक आदि के उपयोग की सलाह दी गई है।
डॉ हरवेंद्र सिंह, टेक्नीकल ऑफीसर, आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र।

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चार दिन तक लगतार बारिश की संभावना

मौसम विज्ञानियों ने अगले चार दिन तक लगातार बारिश की संभावना जताई है। बुधवार को जिले में औसत 20 एमएम बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। इसके बाद चार दिन तक 17 से 30 एमएम के बीच बारिश होने का अनुमान है। इस दौरान अधिकतम तापमान जहां 31 से 33 और न्यूनतम पारा 21 से 23 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। घने बादल 26 अगस्त तक छाए रहेंगे और अधिकतम आद्रता 85 से 91 प्रतिशत और न्यूनतम 60 से 65 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। हवाएं आठ से 19 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चल सकती हैं।

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