
भाजपा के इन कद्दावर नेताओं का भविष्य दांव पर, चंबल में मचा सियासी घामासान
मुरैना। कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोडऩे के बाद भाजपा दिग्गजों का भविष्य दांव पर लग गया है। भाजपा के बड़े नाम जो कि भजपा की शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं,अब उपचुनाव में अपनी ही सीट से टिकट की दावेदारी नहीं कर सकेंगे। इसकी वजह है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता सिंधिया अब भाजपा में शामिल हो गए।
इससे एक बात तो साफ है कि कमलनाथ सरकार गिराने के लिए बागी हुए कांग्रेस विधायक अब भाजपा के दिग्गजों की सीट पर ही चुनाव लड़ेंगे। वहीं अपने भावी उम्मीदवारों को भितरघात से बचाने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भाजपा अपने हारे हुए चेहरों को निगम मंडल में एडजस्ट करने का फॉर्मूल लाएगी। जिससे वह भी खुश होंगे और यदि सरकार भी आती है तो वह भी आसानी से चल सकेगी।
भाजपा नेता बोले कुछ भी कहना जल्दबाजी
सिंधिया के भाजपा में आने से चंबल संभाग की विधानसभा सीटों से मंत्री रहे रुस्तम सिंह और लाल सिंह आर्य के टिकट कट जाएंगे। सिंधिया समर्थकों के लिए दावेदारी छोडऩे के सवाल पर रुस्तम सिंह और लाल सिंह आर्य बोले अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
ये नेता शिवराज सरकार में थे मंत्री
रुस्तम सिंह
प्रदेश सरकार में स्वास्थय मंत्री रहे रुस्तम सिंह को कांग्रेस प्रत्याशी रघुराज सिंह कंसाना ने करीब 21 हजार मतों से हराया था। रघुराज सिंह कंसाना अभी पार्टी में विधायक है और सिंधिया के खास समर्थक है।
लाल सिंह आर्य
गोहद से पूर्व सामान्य प्रशासन मंत्री रहे लाल सिंह आर्य को कांग्रेस के रणवीर जाटव ने करीब 23 हजार वोटों से हराया था। रणवीर विधायक है और ङ्क्षसधिया समर्थक है।
Updated on:
13 Mar 2020 07:40 pm
Published on:
13 Mar 2020 07:37 pm
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