सेकेंड डोज लगाने का मैसेज जब मृतक के पिता को मृतक द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले फोन पर मिला, तो वो भी हैरान रह गए कि, जब उनका बेटा इस दुनिया में है ही नहीं, तो तो, उसे कोरोना का सेकंड डोज कैसे लग गया? बाद में खुलासा हुआ कि, ये टीकाकरण विभाग द्वारा की गई लापरवाही से हुआ है।
31 जुलाई 2021 को हो चुकी है युवक की मौत
दरअसल, जिले के जौरा कस्बे में ऐंदल सिंह नामक व्यक्ति रहता था। वह जौरा के मई वाले कुंए के पास रहता था। 31 जुलाई 2021 को उसकी मौत हो गई। मरने से पहले ऐंदल सिंह ने अपने पिता उदयराज सिंह को बताया था कि, उसने वैक्सीन का पहला डोज लगवा लिया है। ये डोज उसने अपनी मौत के लगभग चार दिन पहले ही लगवाया था। ऐंदल की किसी अन्य बीमारी ले मौत हो गई। उसकी मौत के लगभग तीन महीने बाद ऐंदल के पिता उदयराज के पास मोबाइस पर टीकाकरण विभाग से मैसेज आया कि, 30 अक्टूबर 2021 को ऐंदल के वैक्सीन का दूसरा डोज सफलतापूर्वक लग चुका है तथा वह मैसेज में दी हुई लिंक पर क्लिक करके अपना वैक्सीन लगने का प्रमाण पत्र डाउन लोड कर सकता है।
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मैसेज देखकर उड़े पिता के होश
मैसेज देखकर पिता उदयराज का दिमाग चकरा गया कि, उनके बेटे की मौत जुलाई माह में ही हो गई तो वैक्सीन का दूसरा डोज 30 अक्टूबर को स्वास्थय विभाग ने फिर किसको लगा दिया? बेचारा पिता उस मैसेज व मैसेज की लिंक पर क्लिक कर निकाला हुआ अपने मृत बेटे को दूसरा डोज लगाने का फर्जी प्रमाणपत्र लेकर टीकाकरण विभाग में गया। वहां जाकर उसने अधिकारियों को पूरी बात बताई। बात सुनते ही अधिकारी भी सकते में आ गए। मामला दबाने के लिए उन्होंने उसके कह दिया कि यह तकनीकि खराबी की वजह से हो गया होगा। इस प्रकारी की मामूली गलतियां तो हो जाया करती हैं। बेचारा पिता अपना सा मुंह लेकर वापस लौट आया और सोचने लगा क्या अंधेरगर्दी मची है, यह लोग तो कुछ भी कर रहे हैं।
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वैक्सीनेशन में फर्जीवाड़ा?
मामला सामने आने के बाद लोगों के जेहन में एक ही सवाल पैदा हो रहा है कि क्या जिले में कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। जब मरे हुए व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जा रही है, तो ऐसा तो नहीं कि, अन्य प्रकार से भी फर्जीवाड़ा किया जा रहा हो। इससे लोगों का टीकाकरण विभाग पर से विश्वास उठता जा रहा है। मामले को लेकर जिले के सीएमएचओ डॉ. एडी शर्मा ने बताया कि, मामले को गंभीरता से संज्ञान में लिया जा रहा है। उनका कहना है कि, ये गंभीर मामला है, जो विभाग की छवि खराब करता है।
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