सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। बीमार नाबालिग को अंबाह अस्पताल ले जाया गया. वहां से मुरैना और अंत में ग्वालियर रेफर कर दिया। उसका इलाज जारी है। किशोर का नाम पिल्लू पुत्र कमलेश है। उसके पास आधार कार्ड था, लेकिन स्टाफ ने देखा ही नहीं उसकी उम्र अभी 18 साल नहीं हुई थी। उसके बाद पिल्लू को टीका लगा दिया।
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कोविड काल में बढ़ी बच्चों के खिलाफ शोषण की घटनाएं
प्रदेश में कोरोना काल में बच्चों के खिलाफ हिंसा और शोषण की घटनाएं बढ़ी हैं। यह तथ्य उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति की ओर से बाल संरक्षण सेवाओं की समीक्षा में सामने आया है। बैठक में यूनीसेफ द्वारा कोविड काल में बच्चों पर हिंसा विषय पर किए अध्ययन का विमोचन हुआ, जिसमें संक्रमण काल में बच्चों के शोषण की घटनाएं बढ़ने की बात सामने आई है।
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उच्चतम न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय किशोर न्याय समिति और राज्यों में उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति की स्थापना की है। समिति जुवाइनल जस्टिस एक्ट के राज्य में क्रियान्वयन और समीक्षा व निरीक्षण का कार्य करती है। प्रदेश की उच्च न्यायलय की किशोर न्याय समिति ने शनिवार को त्रैमासिक राज्य समीक्ष बैठक की।
बैठक प्रशासन अकादमी में समिति अध्यक्ष सुजोय पॉल की अध्यक्षता एवं सदस्य द्वय जस्टिस जीएस अहलूवालिया एवं जस्टिस अंजुली पालो के साथ सम्पन्न हुई। बैठक में बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों की समय पर नियुक्तियां किए जाने, .कोविड- 19 के संदर्भ में बच्चों के संरक्षण, बाल संरक्षण गहों में रहने वाले बच्चों की स्थिति और देखभाल एवं पश्चावर्ती केन्द्रों में रह रहे युवाओं को प्रभावी सहायता देने पर जोर दिया गया। अध्यक्ष ने बाल संरक्षण इकाई और बाल सुधार गहों में खाली पडे 50 फीसदी पदों पर चिंता व्यक्त की।