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छत्रपति संभाजी महाराज पर बयान देकर बुरे फंसे अजित पवार, बीजेपी के बाद अब संभाजी राजे ने सुनाई खरी-खरी

Ajit Pawar Controversial Statement on Chhatrapati Sambhaji Maharaj: संभाजी राजे ने अजित पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “संभाजी महाराज न केवल स्वराज रक्षक थे, बल्कि धर्म रक्षक भी थे। इसलिए नेताओं को तोड़-मरोड़ कर बयान देने से बचना चाहिए।”

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jan 02, 2023

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अजित पवार के बयान को लेकर बीजेपी ने किया प्रदर्शन

Ajit Pawar Chhatrapati Sambhaji Maharaj Remark: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार के छत्रपति संभाजी महाराज (Chhatrapati Sambhaji Maharaj) को लेकर दिए गए बयान पर सियासी बवाल जारी है। बीजेपी इस मुद्दे पर राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन कर रही है, वहीँ अब स्वराज्य संगठन के प्रमुख और पूर्व सांसद संभाजी राजे छत्रपति ने भी अजित पवार पर तंज कसते हुए उनके बयान को गलत करार दिया है।

संभाजी राजे ने अजित पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “उन्होंने ऐसा बयान किस आधार पर दिया? संभाजी महाराज न केवल स्वराज रक्षक थे, बल्कि धर्म रक्षक भी थे। इसलिए राजनीतिक नेताओं को तोड़-मरोड़ कर बयान देने से बचना चाहिए।” यह भी पढ़े-‘विपक्ष के 20-25 विधायक बीजेपी में होंगे शामिल, अगर...’, दिग्गज नेता के बयान से महाराष्ट्र की सियासत गरमाई

अजित पवार की आलोचना करते हुए पूर्व सांसद ने आगे कहा कि 'संभाजी महाराज के धर्म रक्षक होने के कई सबूत हैं. अजित पवार को बिना जाने किसी भी ऐतिहासिक मामले पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने इस बार आधा सच बोला है। अजित पवार का यह कहना सही है कि संभाजी महाराज स्वराज रक्षक (Swaraj Rakshak) थे। लेकिन वे धर्मवीर (Dharmaveer’) नहीं थे, यह कहना गलत है।' हालांकि संभाजी राजे के इस रुख पर एनसीपी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अजित पवार ने क्या कहा?

महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने शुक्रवार को नागपुर में महाराष्ट्र विधानसभा में टिप्पणी की थी। शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन उन्होंने कहा "हम हमेशा छत्रपति संभाजी महाराज को 'स्वराज रक्षक' कहते हैं। लेकिन कुछ लोग उन्हें 'धर्मवीर' कहते हैं। यह गलत है। जैसा कि संभाजी महाराज ने कभी किसी विशेष धर्म का समर्थन नहीं किया। उनका बलिदान और कार्य राष्ट्र कल्याण के लिए थे, ”उन्होंने कहा था। सदन में बोलते हुए पवार ने कहा था कि, 'छत्रपति संभाजी महाराज ने कभी धर्म के आधार पर शासन नहीं किया।“


बीजेपी का प्रदर्शन

उधर, बीजेपी अजित पवार के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कह रही है कि उन्होंने धर्मवीर संभाजी महाराज का अपमान किया है और उन्हें विपक्ष का नेता बनने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने भी पवार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “धर्मवीर की उपाधि संभाजी महाराज को उनके समय में उनके फॉलोअर्स ने दी थी। यह उपाधि हमने उन्हें नहीं दी है।”

बीजेपी विधायक देवयानी फरंदे ने आज नासिक में प्रदर्शन के दौरान कहा, ‘‘एनसीपी का रुख सदा से हिंदुओं के खिलाफ रहा है। पवार लगातार विवादित बयान देते रहे हैं। उन्होंने संभाजी महाराज के खिलाफ टिप्पणी की और उनका अपमान किया। उन्हें माफी मांगनी चाहिए या विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।’’ बीजेपी के इस विरोध प्रदर्शन में बालासाहेबंची शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता भी शामिल हुए।

बता दें कि संभाजी महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े बेटे थे, जिन्हें वर्ष 1689 में मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर पकड़ने के बाद यातनाएं देकर मार डाला गया था।