
अजित पवार के बेटे पर 1800 करोड़ की जमीन कौड़ियों के भाव में खरीदने का आरोप (Photo: IANS)
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पर जमीन घोटाले का आरोप लगा है। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता और शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने दावा किया कि पार्थ पवार की कंपनी ने 1800 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को मात्र 300 करोड़ रुपये में खरीदा और वह भी महज 500 रुपये का स्टांप ड्यूटी चुकाकर। इस आरोप के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मच गया है।
उद्धव गुट के कद्दावर नेता अंबादास दानवे ने कहा, पार्थ पवार की अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी (Amadea Enterprises LLP) ने लगभग 1,800 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाली जमीन को 300 करोड़ रुपये में खरीद ली। इस कंपनी ने पुणे के कोरेगांव पार्क इलाके में लगभग 40 एकड़ सरकारी जमीन खरीदी है।
दानवे ने कहा, सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस डील पर मात्र 500 रुपये का स्टांप ड्यूटी शुल्क भरा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्योग निदेशालय ने 48 घंटे के भीतर ही स्टांप ड्यूटी भी माफ कर दी। यह पूरा लेनदेन केवल 27 दिनों में पूरा कर लिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस कंपनी ने कोरेगांव पार्क (पुणे) में एक आईटी पार्क और डेटा सेंटर बनाने की भी तैयारी की, जहां रियल एस्टेट की कीमतें आसमान छू रही हैं। लेकिन अमाडिया कंपनी की पूंजी ही मात्र एक लाख रुपये है।
इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। महाराष्ट्र राजस्व विभाग ने पार्थ पवार से जुड़ी कंपनी के इस जमीन सौदे में कथित अनियमितताओं के मामले में उप-पंजीयक रविंद्र तारु को निलंबित कर दिया है। राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि इस मामले में आगे की जांच के लिए तारु, विक्रेता और खरीदार के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खारगे की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति गठित की गई है। सीएम फडणवीस ने कहा, "मैंने इस मामले से संबंधित सभी जानकारी मांगी है। मैंने राजस्व विभाग, पंजीकरण और भूमि अभिलेख महानिरीक्षक से मामले की रिपोर्ट मांगी है। उचित जांच के आदेश भी दिए हैं। यह मामला गंभीर हैं। इसलिए हमें सही जानकारी मिलने के बाद ही इस बारे में बात करनी चाहिए। मामले की स्पष्ट जानकारी मिलने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।"
पार्थ पवार जमीन मामले पर महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, “अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत दर्ज होती है, तो उद्योग विभाग जांच करेगा कि यह जमीन किस योजना और किन शर्तों पर दी गई थी। जब हमने आईटी पार्क नीति लागू की थी, तब कैबिनेट ने कुछ रियायतें दी थीं, हमें यह देखना होगा कि क्या यह जमीन उन्हीं में शामिल है। अगर अधिकारियों ने किसी प्रकार की गड़बड़ी की है, तो सख्त कार्रवाई होगी।“
आज मुंबई के वरली डोम में आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अजित पवार शामिल हुए। इस दौरान जब पत्रकारों ने उनसे पुणे की जमीन खरीद-फरोख्त से जुड़े विवाद पर सवाल पूछा तो वह बिना कोई जवाब दिए मीडिया का माइक हटाते हुए तेजी से निकल गए।
दिलचस्प बात यह रही कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुख्य प्रवक्ता आनंद परांजपे भी मीडिया से बचते नजर आए और बिना टिप्पणी किए वहां से चले गए।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि अजित पवार इस गंभीर आरोप पर कब और क्या सफाई देते हैं। उधर, यह मामला राजनीतिक रूप से तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्ष ने इसे सत्ता का दुरुपयोग बताया है और पारदर्शी जांच की मांग की है। साथ ही अजित पवार से उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देने की भी मांग की है।
Updated on:
07 Nov 2025 07:46 pm
Published on:
06 Nov 2025 07:03 pm
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