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‘जब बच्चे बड़े हो जाते है तो…’, जमीन घोटाले पर अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी, बेटे पार्थ को लेकर क्या कहा?

Parth Pawar Land Scam : आरोप है कि पार्थ पवार की कंपनी ने सरकारी जमीन 1800 करोड़ रुपये की बाजार कीमत के मुकाबले मात्र 300 करोड़ रुपये में खरीदी और वह भी महज 500 रुपये का स्टांप ड्यूटी चुकाकर।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Nov 07, 2025

Ajit Pawar NCP Maharashtra

अजित पवार (Photo: NCP)

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पर जमीन घोटाले का आरोप लगा है। आरोप है कि पार्थ की कंपनी ने पुणे के मुंडवा-कोरेगांव पार्क इलाके में बहुमूल्य सरकारी जमीन को कौड़ियों के भाव में खरीदा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले पर अब अजित पवार ने भी चुप्पी तोड़ी और कहा है कि उनका इस विवादित भूमि सौदे से कोई संबंध नहीं है।

अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी (Amadea Enterprises LLP) पर पुणे में 1800 करोड़ की सरकारी जमीन को 300 करोड़ में खरीदने का आरोप है। अमाडिया एंटरप्राइजेज उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार और दिग्विजय पाटिल की हैं। इस सौदे को लेकर उठे विवाद पर अजित पवार ने सफाई दी है। उन्होंने साफ कहा कि उनका इस जमीन सौदे से कोई लेना-देना नहीं है और जो भी जांच होनी है, उसका वे स्वागत करते हैं।

मैं कभी गलत काम नहीं करता: अजित पवार

अजित पवार ने कहा, “मैंने कभी भी किसी अधिकारी को यह निर्देश नहीं दिया कि मेरे रिश्तेदारों को किसी भी तरह का लाभ दिया जाए। उपमुख्यमंत्री होने के नाते मैं अधिकारियों से यही कहता हूं कि अगर कोई मेरे नाम का इस्तेमाल गलत काम के लिए करता है, तो मैं उसका समर्थन नहीं करूंगा। मैं कानून और संविधान के दायरे में रहकर काम करने वाला व्यक्ति हूं।”

उन्होंने आगे कहा कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो वे अपने फैसले खुद लेते हैं। उन्होंने कहा, “जब एक परिवार के बच्चे वयस्क हो जाते हैं, तो वे अपने तरीके से व्यवहार करते हैं। लेकिन इस जमीन सौदे से मेरा कोई संबंध नहीं है। मैंने इसके लिए किसी अधिकारी को नहीं बुलाया।” अजित पवार ने यह भी बताया कि वे इस मामले में विस्तृत जानकारी जुटाने के बाद ही अगला बयान देंगे।

इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा, “मैंने इस जमीन सौदे से जुड़ी सभी जानकारी मांगी है। राजस्व विभाग और भूमि अभिलेख महानिरीक्षक से रिपोर्ट तलब की गई है। आरोप गंभीर हैं, इसलिए सही तथ्यों के सामने आने के बाद ही सरकार अगला कदम उठाएगी।”

एफआईआर दर्ज, लेकिन पार्थ का नाम नहीं

इस जमीन सौदे में कथित अनियमितताओं के आरोप में सब-रजिस्ट्रार रविंद्र तारु को निलंबित कर दिया है। राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि इस मामले में आगे की जांच के लिए तारु, विक्रेता (शीतल तेजवानी) और खरीदार (दिग्विजय पाटिल) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

यह पूरा कथित घोटाला तब सामने आया जब शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता और विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता अंबादास दानवे ने अजित पवार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उनका दावा है कि करीब 1,800 करोड़ रुपए की जमीन मात्र 500 रुपए की स्टांप ड्यूटी भरकर लगभग 300 करोड़ रुपए में खरीदी गई।