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Shivaji Maharaj statue collapse: पहले मांगी माफी, अब मौन विरोध प्रदर्शन! अजित दादा ने अपने ही सरकार को घेरा

Ajit pawar : डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले पर मराठा योद्धा शिवाजी महाराज की मूर्ति का निर्माण भारतीय नौसेना ने करवाया था।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Aug 29, 2024

Ajit pawar NCP

Ajit Pawar on Shivaji Maharaj Statue Fell : महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची मूर्ति गिरने के बाद सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में तनातनी दिख रही है। एक तरह शिवसेना प्रमुख व सीएम एकनाथ शिंदे और बीजेपी नेता व डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस है, तो वहीँ दूसरी तरफ एनसीपी प्रमुख अजित पवार नजर आ रहे है। शिंदे और फडणवीस दावा कर रहे है कि तेज हवा की वजह से शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने के 8 महीने बाद ढही, तो वहीँ दूसरी तरफ अजित दादा ने सार्वजिन तौर पर इसको लेकर जनता से माफी मांगी है। यहाँ तक की आज उन्की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मौन विरोध प्रदर्शन भी किया।

सिंधुदुर्ग के मालवण में राजकोट किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति सोमवार दोपहर में अचानक ढह गई। इस घटना के विरोध में एनसीपी (अजित पवार गुट) कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को पुणे में शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा के पास मौन विरोध प्रदर्शन किया।

यह भी पढ़े-शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर ओछी राजनीति न करें, शरद पवार जानते हैं…. फडणवीस की विपक्ष को नसीहत

एक दिन पहले ही अजित पवार ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना के लिए महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगी थी। वर्तमान में महाराष्ट्र की सत्ता में महायुति यानी शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी की गठबंधन सरकार सत्ता में है।

दोषियों को नहीं बख्शेंगे- अजित दादा

अजित पवार ने लातूर जिले में जन सम्मान यात्रा के दौरान एक जनसभा में कहा, "चाहे अधिकारी हों या ठेकेदार, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं। मैं उनकी प्रतिमा गिरने के लिए महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगता हूं। अनावरण के एक साल के भीतर प्रतिमा का गिरना चौंकाने वाला है।“

गौरतलब हो कि पिछले साल 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस प्रतिमा का अनावरण किया गया था, तब इस कार्यक्रम में राज्य के सीएम और दोनों डिप्टी सीएम भी उपस्थित थे। महज आठ महीने बाद ही यह प्रतिमा सोमवार को गिर गई। इसके बाद इस प्रतिमा के निर्माण कार्य के ठेकेदार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। मूर्तिकार और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। केस में हत्या के प्रयास और धोखाधड़ी की धाराएं भी लगाई गई हैं।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की शिकायत के बाद यह मामला दर्ज किया गया है। पीडब्ल्यूडी की शिकायत के मुताबिक, शिवाजी महाराज की प्रतिमा का निर्माण खराब गुणवत्ता का था और इसमें इस्तेमाल नट-बोल्ट में जंग लगा था।मूर्ति गिरने से भारी जानमाल के नुकसान की जानकारी होने के बावजूद इसे खराब गुणवत्ता से बनाया गया।

सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार, इंजीनियर बनाएंगे शिवाजी महाराज की प्रतिमा

इस बीच, सीएम शिंदे ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए सिविल इंजीनियरों, विशेषज्ञों, आईआईटी और नौसेना अधिकारियों की एक तकनीकी संयुक्त समिति नियुक्त की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी को छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत के प्रतीक के तौर पर एक भव्य प्रतिमा स्थापित करने के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकारों, सिविल इंजीनियरों, विशेषज्ञों और नौसेना अधिकारियों की एक समिति नियुक्त करने का भी निर्देश दिया है।

इससे पहले सीएम शिंदे ने दावा किया कि था यह घटना 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवा के कारण हुई है। वहीँ, फडणवीस ने विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की नसीहत देते हुए कहा कि यह घटना हम सभी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, यह बहुत दुखद घटना है, इसकी उचित जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। यह प्रतिमा नौसेना ने लगवाई थी, नौसेना ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच कमेटी बनाई है।