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महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई CBI की याचिका

Anil Deshmukh Bail in 100 Crore Rs Extortion Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अनिल देशमुख को भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दे दी थी। हालांकि तब कोर्ट ने सीबीआई को 10 दिन का समय दिया था।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jan 23, 2023

Anil Deshmukh CBI Plea

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख

Anil Deshmukh Corruption Case: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को सोमवार को देश की शीर्ष कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सीबीआई (CBI) द्वारा दर्ज मामले में देशमुख को जमानत देने के बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। बीते महीने सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में देशमुख को जमानत देने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अनिल देशमुख को भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दे दी थी। हालांकि तब कोर्ट ने सीबीआई को 10 दिन का समय दिया था, जिससे केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जा सके। लेकिन इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी और 73 वर्षीय राकांपा नेता को 28 दिसंबर को मुंबई के आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया। यह भी पढ़े-13 महीने बाद जेल से रिहा हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख, कहा- मुझे झूठे आरोपों में फंसाया गया


सीबीआई ने याचिका में क्या कहा था?

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में दलील दी थी कि अनिल देशमुख की जमानत रद्द कर दी जाए, क्योकि उन्हें जमानत देते समय बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘गंभीर त्रुटि’ की है। याचिका में कहा गया था, ‘‘हाईकोर्ट इस बात पर गौर करने में विफल रहा कि आर्थिक अपराधों को अलग श्रेणी के अपराधों के रूप में माना जाना आवश्यक है और ऐसे अपराधों में एक नियमित मामले के रूप में जमानत प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है।’’

सीबीआई ने दावा किया कि हाईकोर्ट इस बात को समझने में विफल रहा कि जांच एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट सिर्फ मामले में आरोपी से सरकारी गवाह बने मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे के बयान पर निर्भर नहीं है, बल्कि अन्य भौतिक साक्ष्यों पर भी आधारित है। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को ठुकरा दिया है।


मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी आरोपी

गौरतलब हो कि मनी लॉन्ड्रिंग में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद राकांपा नेता नवंबर 2021 से जेल में थे। पिछले साल अप्रैल में उन्हें सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट ने देशमुख को नवंबर 2022 में ईडी के मामले में भी जमानत दे दी थी। हालांकि, इसके बाद भ्रष्टाचार के मामले में देशमुख की जमानत याचिका को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत हैं।

क्या है आरोप?

मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मार्च 2021 में आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृहमंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को मुंबई में रेस्टारेंट और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य दिया था। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने अप्रैल 2021 में सीबीआई को देशमुख के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया। सीबीआई ने बाद में कथित भ्रष्टाचार और आधिकारिक शक्ति के दुरुपयोग के लिए देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज किया। इस मामले में अनिल देशमुख को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।