
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख
Anil Deshmukh in Nagpur: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री और रांकपा (NCP) नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) धनशोधन और भ्रष्टाचार के मामले में जेल से रिहा होने के बाद पहली बार अपने गृह नगर नागपुर पहुंचे। शनिवार को करीब डेढ़ बाद नागपुर गए देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों को ख़ारिज कर दिया और दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख का नागपुर एयरपोर्ट पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। बड़ी संख्या में उनके समर्थक एयरपोर्ट परिसर में उपस्थित हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। यह भी पढ़े-महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई CBI की याचिका
मीडिया कर्मियों से बात करते हुए अनिल देशमुख ने कहा, ‘‘मुझ पर 100 करोड़ रुपये का धनशोधन (Money Laundering) का आरोप है, लेकिन चार्जशीट में यह रकम महज 1.71 करोड़ रुपये बताई गई है। लेकिन इसके बाद भी केंद्रीय जांच एजेंसी 1.71 करोड़ रुपये का भी साक्ष्य कोर्ट में पेश नहीं कर पाई।’’
देशमुख ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामलों में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने भी जो मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, वह कुछ साबित नहीं हुआ। यहां तक की परमबीर सिंह उनके आरोपों की जांच के लिए गठित चांदीवाल आयोग के समक्ष पेश तक नहीं हुए।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी जमानत
गौरतलब हो कि मनी लॉन्ड्रिंग में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद राकांपा नेता नवंबर 2021 से जेल में थे। पिछले साल अप्रैल में उन्हें सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने देशमुख को नवंबर 2022 में ईडी के मामले में जमानत दे दी थी। हालांकि, इसके बाद भ्रष्टाचार के मामले में देशमुख की जमानत याचिका को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत हैं। हालांकि, उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को भ्रष्टाचार के मामले में भी जमानत दे दी। जिसके बाद 73 वर्षीय राकांपा नेता को 28 दिसंबर को मुंबई के आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया।
क्या है आरोप?
मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मार्च 2021 में आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृहमंत्री देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया और पुलिस अधिकारियों को मुंबई में रेस्टारेंट और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य दिया। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने अप्रैल 2021 में सीबीआई को देशमुख के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया। सीबीआई ने बाद में कथित भ्रष्टाचार और आधिकारिक शक्ति के दुरुपयोग के लिए देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज किया। इस मामले में अनिल देशमुख को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
Published on:
12 Feb 2023 02:53 pm
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