बता दें कि महाराष्ट्र में महायुति (NDA गठबंधन) में बीजेपी, एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार नीत एनसीपी है। जबकि एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (यूबीटी) शामिल है। एमवीए के तीनों दल इंडिया गठबंधन का भी हिस्सा है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 13, शिवसेना 7 और एनसीपी एक सीट पर आगे चल रही है। वहीं, एमवीए गठबंधन की बात करें तो कांग्रेस 10, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) 9 और शरद पवार की एनसीपी 7 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है। जबकि एक निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत की ओर बढ़ रहा है।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 25 सीटों में से 23 सीटें जीती थीं, जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना (अविभाजित) ने 22 में से 18 सीटें हासिल की थीं। दोनों ने मिलकर 41 सीटें जीती थीं, जबकि चार एनसीपी (अविभाजित), एक-एक कांग्रेस, एमआईएम और एक निर्दलीय ने जीती थीं।
बीजेपी के लिए महाराष्ट्र बेहद अहम
2019 के लोकसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना और बीजेपी गठबंधन ने महाराष्ट्र में 41 सीटें जीती थीं। लेकिन इस बार 30 सीटों का आंकड़ा छू पाना भी मुश्किल लग रहा है। बीजेपी ने महाराष्ट्र की 45 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था। दरअसल उत्तर प्रदेश (80 सीट) के बाद महाराष्ट्र में सबसे अधिक 48 लोकसभा सीटें हैं। इसलिए ये दोनों राज्य बीजेपी के लिए बेहद अहम हैं। इसके लिए खास रणनीति भी बनायीं गयी थी। लेकिन दोनों ही राज्यों में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है।