हुसैन ने मंगलवार को कहा, 'बीजेपी ने पिछले कुछ दिनों में हमारे विधायकों से संपर्क किया। यहां तक कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों और निर्दलीय विधायकों के साथ भी संपर्क किया गया। लेकिन हमारे विधायक अखंड हैं।" उन्होंने विश्वास जताया कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सहयोगी शिवसेना के बागी विधायक पार्टी में लौट आएंगे और इस संकट का जल्द समाधान हो जाएगा।
हुसैन ने कहा, 'जब शिवसेना विधायक गुवाहाटी से लौटेंगे तो उनकी पार्टी का मुद्दा सुलझ जाएगा। अभी तक किसी ने अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया है और न ही सरकार ने विश्वास प्रस्ताव की मांग की है, तो राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के लिए कैसे बुला सकते हैं?’
महाराष्ट्र का सियासी घमासान अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को 40 बागी विधायकों में से 16 के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही पर 11 जुलाई तक रोक लगा दी थी। इन 16 विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर द्वारा उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होने के लिए अयोग्यता नोटिस दिया गया था।
उधर, उलझी हुई शिवसेना कानूनी सलाह ले रही है। ख़बरों की मानें तो शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के एमवीए गठबंधन में वर्तमान में 117 विधायक होने की संभावना है, जबकि शिंदे गुट में बीजेपी, निर्दलीय और अन्य के साथ कुल 168 विधायक होने की उम्मीद है। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 144 है। ऐसी स्थिति में फ्लोर टेस्ट होने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार का गिरना तय है।