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आपको यह शक्ति किसने दी… कोर्ट कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी पर भड़का बॉम्बे हाईकोर्ट, BMC कमिश्नर की बढ़ीं मुश्किलें

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी प्रमुख द्वारा शहर की सभी अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश वाला निर्देश रोक दिया है। मुंबई के बीएमसी चुनाव 15 जनवरी को होंगे।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 31, 2025

Bombay High Court Justice Chandrashekhar

निर्वाचन अधिकारी को हाईकोर्ट की फटकार, चुनाव ड्यूटी नहीं करेंगे कोर्ट कर्मचारी (Photo: IANS)

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव से ठीक पहले बॉम्बे हाईकोर्ट और नगर निकाय प्रशासन के बीच एक बड़ा कानूनी टकराव सामने आया है। बीएमसी आयुक्त, जो जिला निर्वाचन अधिकारी की भूमिका भी निभा रहे हैं, द्वारा अदालत के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर लगाने के आदेश को हाईकोर्ट ने न केवल रोक दिया, बल्कि आयुक्त के अधिकार क्षेत्र पर भी कड़े सवाल खड़े किए हैं।

मुख्य न्यायाधीश के आवास पर विशेष सुनवाई

मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति अश्विन भोबे की पीठ ने मंगलवार रात मुख्य न्यायाधीश के आवास पर इस मामले की विशेष सुनवाई की। अदालत ने बीएमसी आयुक्त द्वारा जारी उस पत्र पर तत्काल रोक लगा दी, जिसमें अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था।

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाया और कहा कि बीएमसी आयुक्त हाईकोर्ट या अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी के लिए बुलाने संबंधी कोई पत्र या संचार जारी नहीं कर सकते। साथ ही कहा है कि अदालत के कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए।

इस दौरान अदालत ने याद दिलाया कि सितंबर 2008 में ही हाईकोर्ट की प्रशासनिक न्यायाधीश समिति ने यह निर्णय लिया था कि न्यायिक कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से छूट दी जाएगी।

क्या है पूरा मामला?

22 दिसंबर को बीएमसी प्रमुख (आयुक्त) ने शहर की सभी अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था। उसी दिन, मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने बीएमसी आयुक्त और मुंबई शहर के जिलाधिकारी को सूचित किया कि अदालत कर्मचारियों को पहले ही चुनाव ड्यूटी से छूट प्राप्त है। इसी तरह का एक पत्र रजिस्ट्रार द्वारा भी भेजा गया था जिसमें बीएमसी प्रमुख को हाईकोर्ट द्वारा पारित प्रशासनिक आदेश की जानकारी दी गई। इसके बावजूद, बीएमसी प्रमुख ने 29 दिसंबर को पत्र जारी कर मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को सूचित किया कि अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों को छूट देने का अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया। अदालत ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि आखिर किस ‘शक्ति और अधिकार क्षेत्र’ के तहत बीएमसी आयुक्त ने हाईकोर्ट के प्रशासनिक समिति के आदेश को पलटने की कोशिश की।

हलफनामा दाखिल करने का निर्देश

बीएमसी की ओर से पेश हुए वकील ने जब आयुक्त द्वारा जारी पत्र वापस लेने की अनुमति मांगी, तो अदालत ने उसे ठुकरा दिया। हाईकोर्ट ने आयुक्त-सह-जिला निर्वाचन अधिकारी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि न्यायपालिका के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर रिपोर्ट करने के निर्देश उन्होंने किस शक्ति और अधिकार क्षेत्र के तहत दिया है। इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग और महाराष्ट्र सरकार को भी जवाब देने के लिए कहा गया है।

चुनाव आयोग का रुख

सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए राज्य निर्वाचन आयोग के उप सचिव ने स्पष्ट किया कि आयोग सामान्यतः चुनाव ड्यूटी के लिए अदालत के कर्मचारियों की सेवाएं नहीं लेता है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी।