
नाबालिग सहेलियां जा रहीं थीं मुंबई (प्रतीकात्मक फोटो)
महाराष्ट्र में भाई-बहन के रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। कल्याण जिला व सत्र न्यायालय ने इस चौंकाने वाले मामले में अहम फैसला सुनाते हुए अपनी ही नाबालिग बहन से दो बार दुष्कर्म करने वाले सगे भाई को 10 साल की कठोर कैद और 5,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पी.आर. अष्टुरकर ने यह फैसला सुनाया। इस मामले में खास बात यह रही कि पीड़िता की साहसी और स्पष्ट गवाही ने आरोपी को दोषी साबित करने में अहम भूमिका निभाई। अदालत ने न सिर्फ दोषी को सजा दी बल्कि पीड़िता को मुआवजा दिलाने और सरकारी योजनाओं का लाभ देने के निर्देश भी दिए हैं।
यह दिल दहला देने वाली घटना वर्ष 2015 में ठाणे जिले के डोंबिवली शहर में घटी थी। आरोपी उस समय 22 वर्ष का था और पीड़िता 15 वर्ष की थी। अगस्त और सितंबर 2015 में जब पीड़िता घर पर अकेली थी, तब आरोपी भाई ने दो बार उसके साथ बलात्कार किया।
दोषी भाई ने अगस्त 2015 में पहली बार रात में घर आकर पीड़िता से आधी रात के करीब जबरदस्ती की। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इसके एक महीने बाद उसने दोबारा वही किया। जब पीड़िता ने विरोध किया और चीखने लगी, तो आरोपी ने टीवी की आवाज तेज कर दी और चाकू निकालकर उसकी जान लेने की धमकी दी। इस दौरान पीड़िता घायल भी हुई।
बड़े भाई के अत्याचार से तंग आकर पीड़िता ने आखिरकार अपने पिता और मित्र को घटना के बारे में बताया, जिन्होंने उसे हिम्मत दी और फिर पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पीड़िता के बयान के आधार पर रामनगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया और आरोपी भाई को गिरफ्तार कर लिया गया।
करीब 10 साल बाद इस मामले की सुनवाई कल्याण कोर्ट में पूरी हुई। सरकारी वकील कदंबिनी खंडागले ने पीड़िता का पक्ष मजबूती से रखा, जबकि आरोपी की ओर से वकील रश्मी भांडारकर ने बचाव में दलीलें दी। लेकिन कोर्ट ने पीड़िता की गवाही और मेडिकल सबूतों को निर्णायक मानते हुए आरोपी को दोषी करार दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता को जुर्माने की राशि दी जाए, साथ ही पीड़िता को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश भी दिए।
Updated on:
13 Jul 2025 11:51 am
Published on:
13 Jul 2025 11:49 am
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