
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे (Photo: FB)
मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासत में हलचल तेज हो गई है। सोमवार को सांताक्रूज़ स्थित गैलेक्सी होटल में हुई मुंबई कांग्रेस की अहम बैठक हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान पार्टी नेताओं ने साफ कहा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस न तो ठाकरे भाईयों के साथ और न ही महाविकास आघाड़ी (MVA) के नाम पर मैदान में उतरेगी, बल्कि अकेले अपने दम पर सियासी मैदान में उतरेगी। बता दें कि विपक्षी गठबंधन एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) शामिल है।
बैठक में महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला, प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, मुंबई अध्यक्ष वर्षा गायकवाड सहित तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक में मुंबई महानगरपालिका चुनाव की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। खबर है कि बैठक में अधिकतर नेताओं ने बीएमसी चुनाव में 'एकला चलो रे' की नीति अपनाने का प्रस्ताव रखा। उनका मानना है कि ठाकरे गुट के साथ गठबंधन का फायदा सिर्फ उन्हें होता है, जबकि कांग्रेस को उसका कोई लाभ नहीं मिलता। पार्टी नेताओं ने यह भी कहा कि अगर ठाकरे भाईयों के साथ गठबंधन किया गया तो इससे उसके अल्पसंख्यक मतदाता कांग्रेस से दूर हो जाएंगे, जिससे संगठन को सीधा नुकसान होता है।
कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के मत ठाकरे गुट की झोली में गए, लेकिन बदले में कांग्रेस को शिवसेना (उबाठा) के वोट नहीं मिले। इसलिए इस बार मुंबई की किसी भी वार्ड में गठबंधन में मुकाबला नहीं होना चाहिए और पार्टी को पूरी ताकत के साथ स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना चाहिए। फिलहाल इस पर अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान लेगा।
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को लेकर भी स्पष्ट रुख अपनाया गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मनसे के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। इससे पहले राज ठाकरे की पार्टी को विपक्षी खेमे में शामिल करने को लेकर सपकाल ने कहा था कि एमवीए को किसी नए साथी की जरूरत नहीं है। हालांकि, दिल्ली स्तर पर इस मुद्दे पर चर्चा जारी है, लेकिन राज्य के नेता इसके खिलाफ हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा है कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए जहां भी संभव हो गठबंधन करें और जहां यह संभव न हो, वहां दोस्ताना मुकाबला सुनिश्चित करें। मुंबई में समीक्षा बैठक के दौरान कोंकण क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं से फडणवीस ने कहा, ‘‘अगर गठबंधन नहीं भी होता है, तो सहयोगी दलों के उम्मीदवारों की कोई तीखी आलोचना नहीं होनी चाहिए।’’ भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार नीत एनसीपी शामिल हैं।
उधर, कांग्रेस की इस ‘अकेले चुनाव लड़ने’ की नीति ने महाविकास आघाड़ी के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि आगामी बीएमसी चुनाव को लेकर राजनीतिक समीकरण कैसे बदलते हैं।
Published on:
13 Oct 2025 06:52 pm
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