
पैथोलॉजी में डिजिटल का हो रहा दुरुपयोग, एमसीआई नियम का नहीं हो रहा पालन ?
मुंबई. जब किसी मरीज की स्वास्थ्य रिपोर्ट के लिए गवाही दे रहे हों, उस दौरान एक विशेषज्ञ डॉक्टर का होना अनिवार्य है, यह एमसीआई राज्य चिकित्सा परिषद का नियम है। जबकि दूसरी ओर डिजिटल हस्ताक्षरों का अधिकतर दुरुपयोग हो रहा है, जब स्वास्थ्य हस्ताक्षरकर्ताओं पर एक से अधिकपैथोलॉजी में भाग नहीं लेने के लिए मुकदमा भी चलाया जाता है। इस सभी प्रकार के एमसीआई नियम चल रहे हैं। जबकि ऐसा लगता है कि इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है। रिपोर्टें ऐसा बताती हैं कि कोई डॉक्टर स्वास्थ्य रिपोर्टिंग में किसी प्रयोगशाला में जाता है या नहीं, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। जबकि एक से अधिक लैब में उपस्थित हुए बिना ही स्वास्थ्य रिपोर्ट पर डिजिटल रिपोर्ट पर डिजिटल साइन किया जा रहा है, जो पूरी तरह से तकनीक का दुरुपयोग है। वहीं वेबबेस टेक्नोलॉजी में ऑनलाइन स्वास्थ्य रिपोर्ट की जांच की जा रही है। ऐसा करते समय, वह स्वास्थ्य रिपोर्ट एक क्लिक से प्रमाणित हो जाती है। इस सॉफ्टवेयर में समान विशेषताएं हैं। हालांकि विशेषज्ञ एमसीआई के नियमों के अनुसार पैथोलॉजी लैब में स्वास्थ्य रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर सकता है।
पैथोलॉजी में डॉक्टर की उपस्थिति जरूरी...
वहीं अब सवाल उठाया जा रहा है कि डिजिटल हस्ताक्षर होने के स्थान पर डॉक्टर उपस्थित नहीं होंगे क्या? डिजिटल हस्ताक्षर स्वास्थ्य रिपोर्ट की पुष्टि करते हैं, जैसी शिकायतों की संख्या बढ़ रही है। पुणे में रोगी की स्वास्थ्य रिपोर्ट को मुंबई में सॉफ्टवेयर प्रणाली से डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जा सकता है। वह स्वास्थ्य रिपोर्ट एक क्लिक में प्रदर्शित और हस्ताक्षरित होती है, जबकि यह माना जाता है कि रोगी को डॉक्टर की ओर से हस्ताक्षरित किया गया है। वहीं अब डॉ. रोहित जैन डॉक्टरों के डिजिटल हस्ताक्षर के बारे में एमसीआई से पूछेंगे कि अगर डॉक्टर मौजूद नहीं हैं तो स्वास्थ्य रिपोर्ट पर डिजिटल प्रस्तुतिकरण करेंगे? इस पर एमसीआई ने कहा है कि पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर को उस स्थान पर मौजूद होना चाहिए, जहां मरीज की रिपोर्ट दी गई है।
मामले की होगी जांच...
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, गुजरात में एक मामले के बाद प्रत्येक विशेषज्ञ को एक डॉक्टर की उपस्थिति और पर्यवेक्षण में एक स्वास्थ्य रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है। सवाल यह है कि एक विशेषज्ञ डॉक्टर किसी मरीज के स्वास्थ्य की रिपोर्ट का निदान कैसे कर सकता है, जब वह मौजूद नहीं है। संबंधित मामले की जांच की जाएगी।
- डॉ. शिवकुमार उत्तुरे, अध्यक्ष, राज्य वैद्यकीय परिषद
Published on:
07 Dec 2019 11:30 am
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