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फर्जी CBI अफसर, 20 घंटे तक वीडियो कॉल और कोर्ट में पेशी भी… रेलवे अधिकारी से ऐसे ठगे 9 लाख

Cyber Fraud : जालसाजों ने 59 वर्षीय पीड़ित अधिकारी को करीब 20 घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा और पूरे वारदात को अंजाम दिया।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Sep 18, 2024

cyber fraud

Mumbai News : आर्थिक राजधानी मुंबई से साइबर धोखाधड़ी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का अधिकारी बताकर साइबर जालसाजों ने रेलवे के एक अधिकारी से नौ लाख रुपये की ठगी की। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच जारी है।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने रेलवे अधिकारी से कथित तौर पर कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे है। ठगों ने पीड़ित अधिकारी को वीडियो कॉल के जरिये एक कथित न्यायाधीश के समक्ष पेश भी किया।

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यह घटना सोमवार को हुई। 59 वर्षीय पीड़ित को आरोपियों ने करीब 20 घंटे तक वीडियो कॉल पर रखकर पूरे मामले को अंजाम दिया। एक अधिकारी ने बताया कि पीड़ित मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) में चीफ विद्युत इंजीनियर (निर्माण) के पद पर कार्यरत हैं।

दक्षिण मुंबई के कोलाबा में रहने वाले पीड़ित अधिकारी को से 16 सितंबर की सुबह ठगों ने संपर्क किया. इस दौरान वह अपने कार्यालय में थे। सबसे पहले उनके मोबाइल फोन पर एक वॉयस मैसेज मिला, इसमें दावा किया गया कि उसका मोबाइल फोन 2 घंटे के अंदर ब्लॉक कर दिया जाएगा। यदि इससे संबंधित वह किसी भी प्रश्न का जवाब चाहते है तो अपने नंबर से शून्य डायल करना होगा। जैसे ही अधिकारी ने शून्य अंक दबाया एक वीडियो कॉल लगा। इसके बाद फोन करने वाले ने उन्हें खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में उनकी (पीड़ित) जांच करना चाहते हैं।   

इसके बाद फोन करने वाले ने रेलवे अधिकारी को बताया कि उनके नाम पर एक मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है और वह नंबर 58 लाख रुपये के पैसों के हेराफेरी के मामले में इस्तेमाल किए गए बैंक खाते से जुड़ा है।

इसके साथ ही जालसाजों ने उनसे कार्यालय से घर वापस जाने के लिए कहा, ताकि सीबीआई अधिकारी उनसे पूछताछ कर सके। घर जाने पर दोपहर 2 बजे पीड़ित अधिकारी को फिर वीडियो कॉल किया गया। इस दौरान ठगों ने रेलवे अधिकारी के पारिवारिक की जानकारी, उनके वित्त और संपत्ति के बारे में सारी जानकारी हासिल कर ली। इसके बाद आरोपियों ने उनसे कहा कि उन्हें अदालत में वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पेश किया जाएगा और न्यायाधीश मामले का फैसला करेंगे।

वीडियो कॉल में न्यायाधीश बने एक व्यक्ति ने पीड़ित को बताया कि उसके खाते से कुछ अनधिकृत बैंक लेनदेन की जानकारी मिली है और उससे अपने सभी बैंक विवरण देने को कहा। पीड़ित के अनुसार, जालसाजों ने उन्हें बैंक जाकर उनके बताए गए खाते में 9 लाख रुपये जमा करने को कहा। पीड़ित रेलवे अधिकारी ने ठीक वैसे ही किया, लेकिन पैसे ट्रांसफर होने के बाद उन्हें अपने साथ हुए धोखाधड़ी का एहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने बैंक मैनेजर से लेनदेन रोकने का अनुरोध किया, लेकिन तब तक पैसा जा चुका था। इसके बाद अधिकारी ने कोलाबा पुलिस थाने में शिकायत की और फिर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।