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पड़ोसी की हत्या के आरोपी पति-पत्नी बाइज्जत बरी, जज ने कहा- किसी ने मर्डर होते नहीं देखा…

Maharashtra Crime: अदालत ने पति-पत्नी को बरी करते हुए कहा कि आरोपियों को संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Sep 28, 2025

Rajasthan High Court issues Strict instructions state government should set up advocate chambers in all court premises within stipulated time

फाइल फोटो पत्रिका

महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने दिवा इलाके में हुए चर्चित हत्या मामले में अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी दंपति को बरी कर दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए गवाहों के बयान भरोसेमंद नहीं पाए गए और आरोप सिद्ध करने के लिए ठोस सबूत पेश नहीं किए गए।

बुधवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसबी अग्रवाल ने पेशे से प्लंबर मोहम्मद जुबेर (29) और उसकी पत्नी रेशमा जुबेर (30) को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया। दोनों पर 3 दिसंबर 2022 की रात बुजुर्ग अभिमन्यु कालू पाटिल (65) की हत्या करने का आरोप था।

अभियोजन पक्ष का दावा था कि जुबेर दंपति पाटिल के घर के बाहर बने टिन शेड से चोरी की कोशिश कर रहे थे। शोर सुनकर जब पाटिल बाहर आए तो मोहम्मद जुबेर ने लाठी से उन पर हमला किया और इस दौरान रेशमा ने उन्हें पकड़े रखा। गंभीर चोटों की वजह से पाटिल की मौत हो गई थी।

हालांकि, अदालत ने पाया कि घटना के सभी पांच प्रत्यक्षदर्शी मृतक से प्रत्यक्ष संबंध रखते थे। इनमें तीन किरायेदार और दो उनके रिश्तेदार थे। इन हितधारक गवाहों के अलावा कोई और चश्मदीद नहीं है। न्यायाधीश ने यह भी उल्लेख किया कि जिस टिन शेड से चोरी का आरोप लगाया गया, वहां केवल खाना पकाने का सामान रखा जाता था और एक गवाह ने स्वीकार किया कि वहां कोई कीमती वस्तु नहीं थी।

इन परिस्थितियों में अदालत ने कहा कि अभियुक्तों के खिलाफ लगाए गए आरोप संदेह से परे साबित नहीं हुए। साक्ष्य विश्वसनीय नहीं होने वजह से पति-पति को बरी किया जाता है। अदालत के इस फैसले के बाद अब पुलिस की जांच पर सवाल उठ रहे है। पीड़ित परिवार पूछ रहा है कि जब जुबेर दंपति वारदात में शामिल नहीं था तो बुजुर्ग की हत्या किसने की?