
Maharashtra Mukhyamantri Meri Ladli Behen Scheme : महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Majhi Ladki Bahin Yojana) की मार्च महीने तक की नौ किस्तें मिल चुकी है। जबकि लाडली बहनों को 15 अप्रैल के बाद अगली किस्त मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बीच, लाडकी बहिन योजना (Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana) को लेकर एक खबर तेजी से फैली, जिसमें दावा किया गया था कि रायगढ़ जिले की 15,000 से अधिक महिलाएं इस योजना से बाहर कर दी गई हैं। इस खबर का महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने खंडन किया है और इसे पूरी तरह भ्रामक और गुमराह करने वाला बताया है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अदिति तटकरे ने स्पष्ट किया कि योजना के लिए पात्रता तय करने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष रही है। उन्होंने बताया कि 28 जून 2024 और 3 जुलाई 2024 को पात्रता के मानदंड घोषित किए गए, जिनके आधार पर महिलाओं ने आवेदन किया। इसके बाद, जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति ने सभी आवेदनों की जांच की और पात्र एवं अपात्र महिलाओं की सूची तैयार की।
उन्होंने कहा, रायगढ़ जिले से लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) के लिए लगभग 6 लाख महिलाओं के आवेदन स्वीकृत किए गए, जबकि 15,849 आवेदन छानबीन के दौरान ही अपात्र घोषित कर दिए गए थे। यह पूरी प्रक्रिया 10 अक्टूबर 2024 से पहले ही पूरी हो चुकी थी।
मंत्री तटकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन महिलाओं को लाडकी बहिन योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) के लिए पात्र घोषित किया गया था, उन्हें मार्च 2025 तक की पूरी राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं शुरू से ही योजना के लिए पात्र नहीं थीं, उन्हें योजना से हटाने या अपात्र घोषित करने का सवाल ही नहीं उठता। इसलिए, इससे जुड़ी खबर पूरी तरह से झूठी और गुमराह करने वाली हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने भरोसा दिलाया कि महाराष्ट्र की हर पात्र महिला को योजना का लाभ मिलेगा और किसी भी पात्र लाडली बहना के साथ अन्याय नहीं होगा। उन्होंने एक्स पर कहा, "महाराष्ट्र की सभी पात्र महिलाओं को मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीन योजना का लाभ देने के लिए महायुति सरकार प्रतिबद्ध है। मैं पूरे महाराष्ट्र की महिलाओं को वचन देती हूं कि किसी भी पात्र लाडली बहना के साथ अन्याय नहीं होगा।“
अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) से सबसे अधिक विवाहित महिलाओं को लाभ मिल रहा है। 83 प्रतिशत लाभार्थी विवाहित महिलाएं हैं, जबकि अविवाहित महिलाओं की संख्या 11.8 प्रतिशत है। विधवाओं की संख्या 4.7 प्रतिशत दर्ज की गई है, वहीं तलाकशुदा, परित्यक्त और निराश्रित महिलाओं की संख्या एक प्रतिशत से भी कम है। इसमें तलाकशुदा महिलाओं की संख्या 0.3 प्रतिशत, परित्यक्त महिलाओं की संख्या 0.2 प्रतिशत और निराश्रित महिलाओं की संख्या 0.1 प्रतिशत है।
सबसे अधिक 29 प्रतिशत लाभार्थी 30-39 साल के आयु वर्ग से हैं। इसके बाद 21 से 29 वर्ष की महिलाओं की संख्या 25.5 प्रतिशत है, जबकि 40 से 49 वर्ष की महिलाओं की संख्या 23.6 प्रतिशत है। अब 60 से 65 वर्ष की महिलाओं की संख्या केवल 5 प्रतिशत ही रह गई है।
बता दें कि राज्य सरकार ने अब तक जुलाई 2023 से मार्च 2025 तक लाभार्थी महिलाओं को कुल नौ किस्तों में 13,500 रुपये सीधे खाते में ट्रांसफर किए है। दिसंबर 2023 में जहां 2 करोड़ 46 लाख महिलाओं को योजना का लाभ मिला था, तो वहीँ जनवरी में यह संख्या घटकर 2 करोड़ 41 लाख रह गई। वहीँ, मार्च महीने में 2.52 करोड़ महिलाओं को 3000 रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। दरअसल सरकार ने फरवरी और मार्च की किस्त एक साथ मार्च महीने में ट्रांसफर की।
राज्य सरकार ने साफ कहा है कि अब तक जिन महिलाओं को इस योजना के तहत पैसा मिला है, अगर वे अपात्र होती हैं तो उनसे कोई राशि वापस नहीं ली जाएगी। लेकिन भविष्य में केवल उन्हीं को मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना का लाभ मिलेगा, जो पात्रता के सभी मानदंडों को पूरा करती हैं।
Updated on:
26 Mar 2025 09:47 pm
Published on:
26 Mar 2025 09:44 pm
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