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New Flyover: मुंबई को मिलेगी जाम से बड़ी राहत, BMC का 1635 करोड़ का मेगा प्लान तैयार

Mumbai new Flyover : नौसेना क्षेत्र की गोपनीयता बनाए रखने के लिए छह मीटर से अधिक ऊंची मजबूत शीट और विशेष ध्वनि अवरोधक लगाए जाएंगे।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Nov 21, 2025

Mumbai LBS flyover

नए फ्लाईओवर से मुंबई को ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत (Photo: IANS/File)

मुंबई के पूर्वी उपनगरों में बढ़ते ट्रैफिक को कम करने के लिए मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने एक बड़ा कदम उठाया है। कुर्ला से घाटकोपर को जोड़ने वाले एलबीएस मार्ग पर 4.24 किलोमीटर लंबा नया फ्लाईओवर बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस परियोजना की लागत करीब 1,635 करोड़ रुपये आंकी गई है और बीएमसी ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। टेंडर जमा करने की अंतिम तारीख 6 दिसंबर है।

कहां बनेगा फ्लाईओवर?

यह फ्लाईओवर स्टील गर्डर्स और आरसीसी डेक स्लैब की संरचना में तैयार किया जाएगा। फ्लाईओवर कल्पना टॉकीज (कुर्ला) से शुरू होकर पंखे शाह दरगाह (घाटकोपर) के पास उतरेगा। इसकी कुल लंबाई 4.24 किमी होगी, जिसमें मुख्य सड़क 3.91 किमी लंबा होगा। जबकि कुर्ला की तरफ 146 मीटर और घाटकोपर की तरफ 180 मीटर लंबे लैंडिंग रैंप बनाए जाएंगे।

क्यों जरूरी है ये फ्लाईओवर?

एलबीएस रोड पर कुर्ला से घाटकोपर तक कई ऐसे ट्रैफिक प्वाइंट हैं जहां रोज भारी जाम लगता है। इसमें अंधेरी-घाटकोपर लिंक रोड (AGLR), घाटकोपर रेलवे स्टेशन जंक्शन, संत नरसी मेहता रोड पर सबसे ज्यादा जाम होता है।

बीएमसी अधिकारियों के अनुसार, नया फ्लाईओवर सभी प्रमुख जंक्शनों को बायपास करने में मदद करेगा और यात्रा का समय काफी कम करेगा। नया फ्लाईओवर चार लेन का होगा, जिसकी कुल चौड़ाई 16.5 मीटर होगी। इस परियोजना पर 1,635 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यह लगभग चार वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा।

इस वजह से हुई दो साल की देरी

मुंबई के कुर्ला से घाटकोपर के बीच बनने वाले फ्लाईओवर का काम करीब दो साल से अटका हुआ था। कुर्ला के कल्पना टॉकीज से घाटकोपर अंधेरी मार्ग तक हर दिन भारी ट्रैफिक जाम लगता है। इस जाम से राहत देने के लिए बीएमसी ने लगभग दो साल पहले इस फ्लाईओवर को बनाने का फैसला किया था। लेकिन फ्लाईओवर के बीच करीब एक किमी का हिस्सा नौसेना की जमीन के करीब आता है। इस वजह से भारतीय नौसेना ने आपत्ति जताई थी। इस इलाके में काम शुरू करने के लिए बीएमसी को नौसेना की ओर से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लेना जरूरी था।

बताया जा रहा है कि बीएमसी के बार-बार पत्र लिखने के बाद नौसेना से आखिरकार एनओसी मिल गया। इसके तुरंत बाद बीएमसी ने इस पूरी परियोजना का तकनीकी सर्वेक्षण करवाया। इस सर्वे में यह जांचा गया कि फ्लाईओवर का ढांचा कैसा होगा, इससे ट्रैफिक को कितनी राहत मिलेगी और किन हिस्सों में बदलाव की जरूरत होगी। सर्वे रिपोर्ट बीएमसी कमिश्नर को सौंपी गई और मंजूरी मिलते ही फ्लाईओवर के लिए टेंडर जारी कर दिया गया। नौसेना क्षेत्र की गोपनीयता बनाए रखने के लिए वहां 6 मीटर से ज्यादा ऊंची मजबूत शीट और विशेष ध्वनि अवरोधक लगाए जाएंगे।

अब उम्मीद की जा रही है कि वर्षों से अटका हुआ यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आखिरकार तेजी से आगे बढ़ेगा। यह फ्लाईओवर मुंबई उपनगर के व्यस्त एलबीएस रोड पर यातायात का भार कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, खासकर कुर्ला-घाटकोपर के बीच की यात्रा काफी आसान हो जाएगी।