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सामान चेक करने के बहाने रेल यात्रियों से करते मारपीट, जबरन वसूली! जीआरपी के 13 जवान निलंबित

Indian Railways: रेल यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले जीआरपी जवानों पर गंभीर आरोप लगे हैं। पिछले पांच महीनों में 13 कर्मियों को निलंबित किया गया है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Sep 09, 2025

Government Railway Police Maharashtra

मुंबई के बड़े रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट बंद (PHOTO: IANS/File)

मुंबई और ठाणे में रेल यात्रियों से अवैध वसूली करने वाले जीआरपी कर्मियों (Government Railway Police) पर बड़ी कार्रवाई की गई है। पिछले पांच महीनों में जीआरपी के एक वरिष्ठ निरीक्षक सहित कुल 13 कर्मियों को निलंबित किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक संगठित रैकेट लग रहा है, जो काफी समय से मुंबई और आसपास के स्टेशनों पर सक्रिय था।

जानकारी के मुताबिक आरोपी जीआरपी जवान लंबी दूरी की ट्रेनों से सफर करने वाले यात्रियों को निशाना बनाते थे। ऐसे यात्री अक्सर नकदी और कीमती सामान लेकर चलते हैं और शिकायत दर्ज कराने से बचते हैं। मुंबई सेंट्रल, दादर, कुर्ला, बांद्रा टर्मिनस, बोरीवली, ठाणे, कल्याण और पनवेल जैसे बड़े स्टेशनों पर ऐसे कई मामले सामने आये थे।

ऐसे होती थी यात्रियों से वसूली

आरोपी जीआरपी जवानों का वसूली का तरीका भी चौंकाने वाला था। सामान जांच के दौरान नकदी या आभूषण ले जा रहे यात्रियों को अलग कर, उन्हें यह कहकर जीआरपी परिसर में ले जाया जाता था कि वरिष्ठ अधिकारी से जांच करानी होगी। इन परिसरों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होते थे। इसके बाद यात्रियों से पैसों और गहनों का स्वामित्व साबित करने को कहा जाता था। कई बार उन्हें कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जाती थी और विरोध करने पर मारा पीटा भी जाता थी। आखिर में मजबूर होकर यात्री पैसे देकर ही उनके चंगुल से छूट पाता था।

एक यात्री के 30 हजार लेने का आरोप

हाल ही में एक मामला मुंबई सेंट्रल स्टेशन से सामने आया, जब पिछले महीने बेटी के साथ यात्रा कर रहे राजस्थान के एक यात्री को जांच के बहाने रोका गया और उनके आपस मौजूद 31,000 रुपयों में से 30,000 रुपये देने के लिए मजबूर किया गया। राजस्थान पहुंचने पर पीड़ित यात्री ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर तीन कांस्टेबल निलंबित किए गए, जो अभी फरार हैं।

यात्री बैग की जांच कब कराएं?

जीआरपी कमिश्नर राकेश कलासागर ने कहा कि मई में कार्यभार संभालने के बाद सात कर्मियों को जबकि पिछले पांच महीनों में 13 कर्मियों को निलंबित किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी और यात्रियों से अपील की कि केवल वर्दीधारी वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में और सीसीटीवी कैमरे के सामने ही अपने बैग की जांच कराएं।

बता दें कि राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की जिम्मेदारी रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराध पर रोक लगाने और जांच करने की होती है। लेकिन हाल की घटनाओं ने यात्रियों के रक्षक यानी जीआरपी की छवि धूमिल कर दी है।