
Maharashtra Assembly 2019: जेल से ही गुट्टे ने महायुति को हराया, खडसे को लगा झटका
मुंबई. भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे को अपने राजनीतिक जीवन में इसे सबसे बड़ा झटका कहना होगा। क्योंकि एकनाथ खडसे की बेटी रोहिणी खडसे-खीवलकर हार गई हैं। एनसीपी प्रायोजित उम्मीदवार चंद्रकांत पाटिल ने रोहिणी खडसे को हराया। चंद्रकांत पाटिल पूर्व में शिवसेना में थे। 2014 विधानसभा में एकनाथ खडसे और चंद्रकांत पाटिल के बीच 10 हजार का अंतर था। आखिर में चंद्रकांत पाटिल ने इस बार रोहिणी खडसे को हराया है। वहीं एकनाथ खडसे के लिए यह एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि भाजपा ने एकनाथ खडसे और रोहिणी खडसे को टिकट दिया। फिर भी एकनाथ खडसे ने उम्मीदवारी स्वीकार कर ली थी।
गुट्टे ने महायुति को जेल से ही हराया...
वहीं मराठवाड़ा के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों ने सभी महाराष्ट्र के लोगों का ध्यान आकर्षित किया था। वर्तमान में परभणी में गंगाखेड निर्वाचन क्षेत्र से एक चौंकाने वाला परिणाम आया है। किसानों के नाम पर फर्जी ऋण ले रहे गंगाखेड शुगर्स के अध्यक्ष रत्नाकर गुट्टे की जमानत बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने खारिज कर दिया। फिर भी पिछले पांच महीनों से जेल में बंद उम्मीदवार रत्नाकर गुट्टे ने 18 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीता है। 61 हजार 809 मत हासिल करने वाले महायुति के विशाल कदम को गुट्टे के सामने हार का सामना करना पड़ा। यह परिणाम और भी अधिक विवादास्पद हो गया, क्योंकि रत्नाकर गुट्टे ने जेल से ही प्रत्यक्ष चुनाव जीता।
कदम को मिले सबसे ज्यादा वोट...
कांग्रेस विधायक विश्वजीत कदम ने राज्य में सबसे ज्यादा वोट हासिल किए हैं। विश्वजीत कदम ने पलूस कडेगाव निर्वाचन क्षेत्र से भारी बहुमत हासिल किया है। कदम को 1 लाख 62 हजार 521 मतों से भरी जीत मिली है। विश्वजीत कदम के बाद नंबर दो पर नोटा विकल्प चुना गया। इसके बाद शिवसेना के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर संजय विभुते को सबसे ज्यादा 8,976 वोट मिले। विश्वजीत कदम ने पलूस- कडेगाव विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया था। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने विश्वास व्यक्त किया कि विश्वजीत कदम भविष्य में राज्य का नेतृत्व करेंगे। विश्वजीत कदम पतंगराव कदम का शाश्वत जीवन है।
नौसिखिए पवार ने रोकी पाटिल की हैट्रिक...
इस चुनावी समर में लातूर के औसा विधानसभा ने भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
यहां से मुख्यमंत्री के स्वयं सहायक अभिमन्यु पवार को भाजपा की ओर से नामित किया गया था। शिवसेना का निर्वाचन क्षेत्र भाजपा ने ही लिया था। वहीं भाजपा के अभिमन्यु पवार 27 हजार से अधिक वोटों से चुने गए हैं। अभिमन्यु पवार ने राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बसवराज पाटिल मुरुमकर को हराया। बासवराज पाटिल लगातार दो बार औसा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से लिए चुने गए थे। हालांकि उनकी हैट्रिक को बीजेपी के नौसिखिए अभिमन्यु पवार ने रोक दिया। बहरहाल, पवार को भाजपा की ओर से मिली उम्मीदवारी के बाद से भाजपा में विद्रोह से स्वर उठे थे, जिसके बाद भाजपा जिला परिषद अध्यक्ष बजरंग जाधव ने विद्रोह में निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने भूमिपुत्र का मुद्दा उठाया। हालांकि औशा मतदाताओं ने इसे खारिज कर दिया और भाजपा ने अपना परचम लहराया।
1 लाख 33 हजार वोटों से जीते अजीत...
अजीत पवार ने पवार परिवार के बारामती निर्वाचन क्षेत्र में अपने सभी विरोधियों की जमा पूंजी को जब्त करके मन जीत लिया है। अजीत पवार 1 लाख 33 हजार के चौंका देने वाले वोट से जीते। बीजेपी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के हित में गोपीचंद पंडालकर उनके सामने चुनौती पैदा करेंगे। हालांकि आज मतगणना की शुरुआत से अजीत दादा ने इस दावे को सतही बनाते हुए हर दौर में बढ़त बना ली। गोपीचंद पडलकर को धनगर समुदाय का फायरब्रांड नेता माना जाता है। बीजेपी का अनुमान है कि चूंकि बारामती निर्वाचन क्षेत्र में धनगर समुदाय मजबूत है, इसलिए वे अजीत पवार का समर्थन करेंगे। इसलिए विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने पाडलकर को वंचित बहुजन मोर्चे से खींच लिया था।
मुंडे ने हराया मुंडे को...
वहीं दूसरी ओर मराठवाड़ा से जहां भाजपा के जीतने की पूरी उम्मीद थी, वहीं भी राकांपा नेता धनंजय मुंडे ने बाजी मार ली। यहां के परली निर्वाचन क्षेत्र में सबसे समान लड़ाई थी। एनसीपी के धनंजय मुंडे ने भाजपा नेता पंकजा मुंडे के खिलाफ लड़ाई जीती। वहीं धनंजय मुंडे ने पंकजा मुंडे को हराते हुए ने परली के किले को बनाए रखा। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, पंकजा मुंडे ने अपनी हार स्वीकार करते हुए जोर दिया कि लोगों ने मुझे यह कहते हुए स्वीकार नहीं किया, इसके चलते हार का सामना करना पड़ा।
Published on:
25 Oct 2019 10:39 am
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