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Maharashtra Civic Polls: ठाकरे और शिंदे गुट ने गठबंधन को लेकर की गुप्त बैठक! भनक लगते ही उद्धव बोले…

Maharashtra Local Body Elections 2025: महाराष्ट्र में आगामी निकाय चुनावों से पहले सियासी पारा हाई हो गया है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Nov 12, 2025

Uddhav Thackeray and Eknath Shinde

उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे (Photo: IANS)

महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनावों से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इसी बीच सिंधुदुर्ग जिले की कनकवली नगर पंचायत चुनाव (Kankavali Nagarpanchayat Election 2025) को लेकर शिवसेना के दोनों धड़ों के साथ आने को लेकर चर्चा गर्म है। बताया जा रहा है कि यहां शिवसेना शिंदे गुट और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के बीच संभावित गठबंधन पर बातचीत चल रही थी।

जानकारी के मुताबिक, कनकवली शहर में इस मुद्दे पर एक गुप्त बैठक हुई, जिसमें पूर्व विधायक वैभव नाइक, पूर्व विधायक राजन तेली, स्थानीय नेता संदेश पारकर, सुशांत नाइक और सतीश सावंत शामिल थे। इस बैठक में नगर पंचायत चुनाव के लिए दोनों गुटों के साथ आने की संभावना पर चर्चा हुई थी।

लेकिन इस बैठक की खबर सामने आने के बाद शिवसेना (UBT) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कड़ी नाराजगी जताई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने साफ कहा है कि शिंदे गुट के साथ किसी भी प्रकार की राजनीतिक साझेदारी नहीं की जाएगी।

स्थानीय नेताओं नाइक और पारकर और अन्य पदाधिकारियों ने उद्धव ठाकरे को बताया कि भाजपा को टक्कर देने और शहर के विकास के लिए ‘शहर विकास आघाड़ी’ नाम से एक संयुक्त मोर्चा बनाया जा सकता है। साथ ही यह भी बताया कि इस आघाड़ी में केवल शिवसेना ही नहीं, बल्कि शहर के अन्य सामाजिक संगठन भी शामिल होंगे। हालांकि उद्धव ठाकरे इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हुए और उन्होंने इस पर नाराजगी जताई।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना शिंदे गुट के नेता राजन तेली ने कहा, यह सिर्फ शिवसेना का प्रस्ताव नहीं है, बल्कि शहर के विकास के लिए काम करने वाले कई संगठनों की पहल थी। इसमें भाजपा का विरोध करने जैसा कुछ नहीं है। हम केवल कनकवली शहर के विकास के लिए एक साथ आने की सोच रहे हैं। अंतिम फैसला वरिष्ठ नेतृत्व का होगा, और हम उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे।

अब उद्धव ठाकरे की नाराजगी के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि कणकवली नगर पंचायत चुनाव में शिवसेना के दोनों गुटों का रुख क्या रहता है। हालांकि इस घटनाक्रम ने कोकण के राजनीतिक माहौल में नई हलचल जरूर ला दी है।