
Earthquake in Marathwada: महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में तीन दशक बाद सबसे बड़ा भूकंप आया है। आज (21 मार्च) सुबह मराठवाडा के हिंगोली, नांदेड और परभणी जिलों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। धरती में कंपन महसूस होते ही लोग अपने घरों-दफ्तरों से बाहर निकल आये। 11 मिनट के अंतर पर दो बार भूकंप के झटके लगे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 और 3.6 दर्ज की गई।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि भूकंप का पहला झटका आज सुबह 6 बजकर 8 मिनट और 30 सेकंड पर आया। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.5 दर्ज हुई है। भूकंप का केंद्र हिंगोली में 10 किमी गहराई में स्थित था। इसके 11 मिनट बाद फिर हिंगोली में धरती डोलने लगी। भूकंप का दूसरा झटका सुबह 6 बजकर 19 मिनट और 5 सेकंड पर आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.6 रही। यह भी पढ़े-भूकंप के झटकों से फिर हिला मराठवाडा, हिंगोली में 5 किमी गहराई में था केंद्र
10 सेकंड तक कांपती रही धरती
भले ही भूकंप का केंद्र हिंगोली में था, लेकिन धरती में कंपन नांदेड और परभणी में भी हुई। बताया जा रहा है कि करीब 10 सेकंड तक धरती हिलती रही। हालांकि भूकंप की तीव्रता ज्यादा नहीं होने की वजह से जनहानि नहीं हुई। मराठवाडा में 1993 के बाद आया यह सबसे बड़ा भूकंप का झटका बताया जा रहा है।
पहले भूकंप का केंद्र हिंगोली जिले के वसमत तालुका के कुरुंदा और दांडेगांव के उत्तरी भाग में था। जबकि दूसरे झटके का केद्र कुरुंदा और दांडेगांव के दक्षिणी हिस्से में था।
एमजीएम के खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी केंद्र के निदेशक श्रीनिवास औंधकर ने बताया कि मराठवाडा में 1993 में आए भूकंप के बाद यह सबसे बड़ा झटका है।
मकानों में आई दरार!
कई जगहों पर कच्चे मकान का हिस्सा गिरने की भी खबरे आई है। कुछ जगहों पर कंक्रीट के मकानों में जगह-जगह दरार पड़ने का दावा किया जा रहा हैं। इससे नागरिकों में भय का माहौल है। दांडेगाव में कई पक्के मकानों में दरार आ गई है। लोगों में अभी भी डर का माहौल है। इस बीच, प्रशासन के अधिकारी भी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच गए हैं और हालात का जायजा ले रहे है।
Published on:
21 Mar 2024 11:03 am
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