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भारी बारिश से तबाह किसानों के लिए फडणवीस सरकार ने खोला खजाना, 31 हजार 628 करोड़ के पैकेज का ऐलान

पिछले महीने हुई भारी बारिश और बाढ़ ने मराठवाड़ा के कई जिलों में भारी तबाही मचाई। परभणी, वाशिम, जालना और यवतमाल जिलों में करीब 50 प्रतिशत और छत्रपति संभाजीनगर में 75 प्रतिशत फसलें बर्बाद हो गईं। जबकि सोलापुर और धाराशिव जिलों में तो हालात और भी गंभीर रहे, जहां 80 प्रतिशत फसलों को भारी नुकसान हुआ।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Oct 07, 2025

Maharashtra Cabinet minister Mahayuti

महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के एक साल पूरे (Photo: IANS)

महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए फडणवीस सरकार ने 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार की उपस्थिति में आज मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य सरकार का अब तक का सबसे बड़ा राहत पैकेज घोषित किया। इसके तहत जिन किसानों की जमीन भारी बारिश के कारण बह गई है, उन्हें प्रति हेक्टेयर 3.47 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

इन किसानों को प्रति हेक्टेयर 3.50 लाख रुपये का मुआवजा

राज्य सरकार ने क्षतिग्रस्त मकानों, भूमि, खेती और पशुधन के लिए किसानों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि जिन किसानों की जमीन पूरी तरह बह गई या बर्बाद हो गई है, उन्हें प्रति हेक्टेयर पर 47 हजार रुपये नकद और मनरेगा के माध्यम से 3 लाख रुपये अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। कुल मिलाकर प्रति हेक्टेयर लगभग साढ़े तीन लाख रुपये की मदद प्रभावित किसानों को मिलेगी।

दुधारू पशु की मौत पर किसानों को प्रति पशु 37 हजार रुपये तक की सहायता दी जाएगी। वहीं, कीचड़ और गाद से भर चुकी कुओं की सफाई के लिए 30 हजार रुपये की मदद मिलेगी। कुक्कुट पालन करने वालों को प्रति मुर्गी 100 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

बारिश और बाढ़ में पूरी तरह से नष्ट या क्षतिग्रस्त घरों को दोबारा बनाने के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहाड़ी इलाकों में स्थित घरों के लिए अतिरिक्त 10 हजार रुपये की मदद का प्रावधान किया गया है। छोटे दुकानदारों को 50 हजार रुपये तक की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, प्रभावित विद्यार्थियों को राहत देने के लिए सरकार ने परीक्षा शुल्क में पूरी छूट देने का भी निर्णय लिया है।

दिवाली से पहले खाते में आएंगे पैसे

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सीएम फडणवीस ने बताया कि राज्य सरकार कोशिश कर रही है कि दिवाली से पहले ही यह राशि प्रभावित किसानों के खातों में जमा कर दी जाए। उन्होंने कहा, परभणी, वाशिम, जालना, यवतमाल, छत्रपति संभाजीनगर, सोलापुर और धाराशिव जैसे जिलों में 50 से 80 प्रतिशत तक फसलें नष्ट हुई हैं। सबसे ज्यादा सोलापुर और धाराशिव में 80 प्रतिशत खेती को क्षति हुई है।

उन्होंने कहा, मराठवाड़ा के परभणी, वाशिम, जालना और यवतमाल जिलों में करीब 50 प्रतिशत और छत्रपति संभाजीनगर में 75 प्रतिशत फसलें बर्बाद हो गईं। जबकि सोलापुर और धाराशिव जिलों में तो हालात और भी गंभीर रहे, जहां 80 प्रतिशत फसलों को भारी नुकसान हुआ। राज्य सरकार चाहती है कि ऐसे किसानों को त्योहार से पहले राहत मिले।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मृत किसानों के परिवारों को सहायता राशि पहले ही दी जा चुकी है। अब शेष प्रभावितों को भी दिवाली से पहले भुगतान करने की तैयारी है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “हमने यह नहीं देखा कि किसान रबी की बुवाई कर रहे हैं या नहीं। हर प्रभावित किसान को 10 हजार रुपये की तत्काल सहायता दी जाएगी। केंद्र सरकार से भी बात हुई है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मदद के लिए भरोसा दिलाया है। हम चाहते हैं कि किसानों को तात्कालिक राहत मिले, इसके लिए यदि आर्थिक दबाव सहना पड़े तो भी सरकार पीछे नहीं हटेगी।”

उन्होंने बताया कि फसल मुआवजे के रूप में ही अब तक 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी किए जा चुके हैं। साथ ही, मुख्यमंत्री सहायता निधि और विभिन्न सीएसआर से भी अतिरिक्त राशि जुटाई जा रही है। अब हमारी प्राथमिकता यह है कि हर प्रभावित किसान तक मदद पहुंचे। कुछ कटौतियां करनी पड़ेंगी, लेकिन किसानों को राहत देने में देरी नहीं होगी।

बीते कई दिनों से विपक्षी दलों की ओर से भारी बारिश से प्रभावित किसानों को हेक्टेयर पर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की जा रही थी। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाविकास आघाडी (MVA) के अन्य नेताओं ने भी किसानों की तत्काल मदद की मांग उठाई थी। इसी बीच आज सरकार के भारी-भरकम राहत पैकेज की घोषणा से लाखों किसानों को बड़ी राहत मिली है।