
मनोज जरांगे
मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटील ने हाल ही में पांच दिन तक अनशन किया। मराठा आरक्षण आंदोलन के लिए राज्यभर से मराठा समाज के लाखों लोग मुंबई पहुंचे थे और मनोज जरांगे का समर्थन किया। भारी दबाव के चलते फडणवीस सरकार को कई फैसले लेने पड़े, जिनमें मराठा आरक्षण लागू करने के लिए हैदराबाद गैजेट लागू करने की घोषणा और आरक्षण की मांग को लेकर आत्महत्या करने वाले परिवारों को आर्थिक सहायता देना भी शामिल है।
मनोज जरांगे ने अनशन खत्म करने के बदले आत्महत्या करने वाले मराठाओं के परिवारों को आर्थिक मदद देने की भी मांग की थी। इसी के तहत सरकार ने नांदेड जिले के 21 परिवारों को 10-10 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है। कुल मिलाकर 2 करोड़ 10 लाख रुपये की मदद इन परिवारों तक पहुंचाई जाएगी।
मराठा आरक्षण की लड़ाई कई वर्षों से जारी है। अब तक इस मुद्दे पर 50 से ज्यादा मोर्चे निकाले जा चुके हैं। पिछले दो सालों में मनोज जरांगे के नेतृत्व में आंदोलन और तेज हुआ। सड़क रोको से लेकर बड़े मार्च तक ने राज्य की राजनीति को झकझोर दिया। आंदोलन के दौरान कई गांवों में नेताओं के प्रवेश पर रोक तक लगा दी गई थी। दुख की बात यह है कि मराठा आरक्षण की लड़ाई में अब तक सिर्फ नांदेड जिले में ही 34 लोग आत्महत्या कर चुके हैं।
इससे पहले भी सरकार ने आत्महत्या करने वाले 13 परिवारों को आर्थिक सहायता दी थी और दो पीड़ित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी दिया था। अब ताजा घोषणा से और 21 परिवारों को राहत मिलेगी।
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे की जिन मांगों को स्वीकार किया है, उनमें सबसे अहम है पात्र मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देना। कुनबी ओबीसी समुदाय में शामिल हैं। इस फैसले से मराठा समुदाय को भी ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
Updated on:
07 Sept 2025 05:19 pm
Published on:
07 Sept 2025 05:11 pm
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