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8 सितंबर को देह त्याग कर वैकुंठ जाएंगे… 20 लोगों के फैसले से हड़कंप! पुलिस और तहसीलदार ने लगाई दौड़

देह त्यागने का फैसला करने वाले लोग रामपाल महाराज के अनुयायी बताये जा रहे है। रामपाल महाराज फिलहाल हिसार सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा हैं। प्रशासन लगातार उन लोगों को समझाने की कोशिश में जुटा है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Aug 25, 2025

Maharashtra Police crime news

File Photo

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बेलगावी जिले के अथनी तालुका के अनंतपुर में 20 लोगों ने 8 सितंबर को सामूहिक रूप से देह त्याग करने की घोषणा कर दी। उनका दावा है कि उन्हें भगवान ने ऐसा करने का आदेश दिया है और उसी के पालन में वे एक ही दिन देहत्याग कर वैकुंठ जाएंगे। बताया जा रहा है कि देह त्याग करने का निर्णय लेने वाले लोग जेल में सजा काट रहे स्वयंभू बाबा रामपाल महाराज से दीक्षा ली है।

'परमेश्वर ने बुलाया, 8 सितंबर को करेंगे देह त्याग'

जानकारी के अनुसार, अनंतपुर में रामपाल महाराज का मठ है। देह त्याग करने का निर्णय लेने वालों में महाराष्ट्र के भक्तों की संख्या अधिक है। अनंतपुर के तुकाराम इरकर परिवार ने भी रामपाल महाराज से दीक्षा ली है। परिवार के पांच सदस्य देह त्याग करने की तैयारी में है। वहीँ, 10 लोग मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हैं और फिलहाल पुणे में रहते हैं, जबकि पांच कर्नाटक के विजयपुरा जिले से हैं।

कानूनी कार्रवाई कर सकता है प्रशासन

उधर, जैसे ही सामूहिक देह त्याग की खबर फैली, प्रशासन हरकत में आया। तहसीलदार और पुलिस मौके पर पहुंचे। पहले तो उन्हें यह अफवाह या दिखावा लगा, लेकिन बातचीत में स्पष्ट हुआ कि लोग सचमुच जान देने की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्हें समझा-बुझाकर उनके घर भेजा हैं। जिला प्रशासन इस घटना को रोकने की कोशिश कर रहा है। अगर ये लोग नहीं माने तो उनके ख़िलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

कौन है रामपाल महाराज?

बता दें कि रामपाल महाराज हरियाणा का रहने वाला है। इस समय वह हिसार सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। हरियाणा में वह सतलोक आश्रम चलाता था। 2014 में कोर्ट ने एक मामले में उसकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। 18 नवंबर 2014 को पुलिस रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए आश्रम गई। उस समय रामपाल ने खुद को आश्रम में बंद कर लिया और समर्थकों का घेरा बना लिया। जब पुलिस ने आश्रम में घुसने की कोशिश की तो समर्थकों ने हमला कर दिया। करीब तीन दिनों तक पुलिस और रामपाल के समर्थकों के बीच भीषण संघर्ष हुआ था, जिसमें पांच पुलिसकर्मी मारे गए थे। आखिरकार 20 नवंबर को पुलिस ने रामपाल और 15 समर्थकों को गिरफ्तार किया। 2018 में इस मामले में रामपाल महाराज को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।