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महाराष्ट्र: 20 से ज्यादा नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव स्थगित, पवार परिवार का ‘गढ़’ भी शामिल

Maharashtra Local Body Elections: राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, 20 दिसंबर को इन सभी स्थगित निकायों में मतदान कराया जाएगा। इस फैसले से चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित रहेगी।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 01, 2025

Maharashtra local body elections

महाराष्ट्र चुनाव (Photo: X/EC)

महाराष्ट्र में दो दिसंबर को होने वाले नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों से ठीक पहले बड़ा बदलाव सामने आया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी अनियमितताओं और अदालतों में लंबित मामलों के कारण कम से कम 20 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में चुनाव टाल दिए हैं। अब इन स्थानों पर मतदान 20 दिसंबर को होगा।

बरामती सहित कई क्षेत्रों में चुनाव टला

सबसे ज्यादा चर्चा बरामती की हो रही है, जो उपमुख्यमंत्री अजित पवार का गढ़ माना जाता है। यहां भी चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। दरअसल बरामती नगर परिषद और फुरसुंगी-उरुली देवाची नगर परिषद में अध्यक्ष पद से जुड़ी अपीलों पर जिला न्यायालय ने निर्णय 26 नवंबर को सुनाया। इसके अलावा, दोनों नगर परिषदों में सदस्य पदों से संबंधित आदेश भी 22 नवंबर के बाद जारी किए गए। इन्हीं देरी को आधार बनाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने दोनों नगर परिषदों के अध्यक्ष और सदस्य पदों सहित पूरे आम चुनाव को स्थगित करने का आदेश दिया। अब इन निकायों के लिए मतदान 20 दिसंबर को होगा।

राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि चुनावी प्रतीकों के आवंटन से जुड़ी अपीलों का गलत ढंग से निपटारा, फैसलों में देरी, लिखित आदेशों का अभाव, कई मामलों में सुनवाई न होना और कुछ मामलों का अदालत में लंबित होना पूरे चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा था। इसी वजह से यह फैसला लिया गया।

किन क्षेत्रों में चुनाव टाले गए?

रिपोर्टों के अनुसार, जिन सीटों पर चुनाव स्थगित हुए हैं, उनमें अंबरनाथ के 59 वार्ड, बदलापुर के 49 में से 6 वार्ड, पुणे जिले की 17 स्थानीय संस्थाओं में से 6 पर, मराठवाड़ा क्षेत्र के 3 नगर परिषद और 18 वार्ड शामिल हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि तलेगांव दाभाडे, लोनावला, दौंड और सासवड नगर परिषदों में सदस्य पद से संबंधित अपीलों में भी देरी हुई। इन सभी मामलों में अदालत के फैसले आखिरी तारीख के बाद आए, जिसकी वजह से संबंधित वार्डों के चुनाव आगे बढ़ाने पड़े हैं।

चुनाव टलने पर प्रदेश के मंत्री व भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, “जहां उम्मीदवारों पर आपत्तियां दर्ज हुई थीं, वहां उन्हें वापस लेने या स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। इसी वजह से कुछ लोग बॉम्बे हाईकोर्ट भी गए। नियमों के अनुसार प्रतीक आवंटन और प्रचार के लिए उम्मीदवारों को पर्याप्त समय मिलना चाहिए। इसलिए आयोग ने कुछ क्षेत्रों में चुनाव टालने का फैसला किया है। हम आयोग के फैसले का पालन करेंगे।”

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, 20 दिसंबर को इन सभी स्थगित निकायों में मतदान कराया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि इस फैसले से चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित रहेगी।