
नागपुर में उप-रजिस्ट्रार कार्यालय पर राजस्व मंत्री बावनकुले का छापा (Patrika Photo)
नागपुर में सोमवार को महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule) ने उप-रजिस्ट्रार कार्यालय (Sub-Registrar Office Nagpur) पर अचानक छापा मारा। यह कार्रवाई आम जनता से रिश्वत वसूलने की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद की गई। बताया जा रहा है कि पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया डिजिटल होने के बावजूद कुछ अधिकारी अवैध तरीकों से पैसे वसूल रहे हैं। इसकी कई शिकायतें प्रशासन को मिली थी।
छापेमारी के दौरान मंत्री बावनकुले ने एक अधिकारी की मेज के ड्रावर में छिपी नकदी बरामद की। इसके बाद उन्होंने आगे की जांच के लिए तुरंत पुलिस को मौके पर बुलाया। पुलिस ने भी तलाशी ली। जिसके बाद राजस्व मंत्री ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं।
रिश्वतखोरी की शिकायत के चलते मंत्री के अचानक निरीक्षण और पैसे की बरामदगी से कार्यालय में मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। इस घटना से सब रजिस्ट्रार कार्यालय में चल रही भ्रष्ट गतिविधियों की शिकायत सच साबित हुई है, लेकिन इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।
मंत्री बावनकुले ने कहा, “हम भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और सभी सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। अगर किसी नागरिक से रिश्वत मांगी जाती है तो वह बिना हिचकिचाहट सीधे संबंधित अधिकारियों को शिकायत करें।“
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए है। फिलहाल जांच अभी जारी है और आगे की जानकारी मिलने का इंतजार है।
हाल ही में महाराष्ट्र ने डिजिटल सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया। इसके तहत महाराष्ट्र में इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड, ई-स्टाम्पिंग, ई-हस्ताक्षर और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा शुरू की गई। प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि महाराष्ट्र इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड, ई-स्टाम्पिंग, ई-हस्ताक्षर और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा को लागू करने वाला देश का 17वां राज्य बन गया है। इस नई प्रणाली के तहत लगभग 50 हजार दस्तावेजों के लिए अब ई-बॉन्ड की सुविधा उपलब्ध होगी। यह प्रणाली राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा लिमिटेड (एनईएसएल) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के तकनीकी सहयोग से विकसित की गई है।
उन्होंने कहा, इस डिजिटल पहल से आयातकों और निर्यातकों के लिए सीमा शुल्क प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और सरल हो जाएगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पारदर्शिता बढ़ेगी और राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी। यह कदम महाराष्ट्र को डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में और मजबूत बनाएगा।
Updated on:
06 Oct 2025 06:53 pm
Published on:
06 Oct 2025 06:35 pm
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