
Ladki Bahin Yojna Update
Maharashtra Mukhyamantri Meri Ladli Behen Scheme : महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना (Majhi Ladki Bahin Yojana) की चर्चा जोरो पर हैं। इस योजना के तहत 2.40 करोड़ से अधिक महिलाओं के खाते में हर महीने डेढ़ हजार रुपये जमा किये जा रहे हैं। अब तक कुल छह किश्तें महिलाओं के खाते में जमा हो चुकी हैं। लेकिन अब लाडकी बहीण योजना (Ladli Behna Yojana) की वजह से बढ़ा वित्तीय बोझ महायुति सरकार के अन्य वादों को प्रभावित कर रहा है।
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने हाल ही में कहा कि लाडकी बहीण योजना (Ladki Bahin Scheme) से राज्य के खजाने पर भार पड़ रहा है और इसके कारण कृषि कर्ज माफी का वादा सरकार पूरा नहीं कर पा रही है। पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने माना कि लाडकी बहिन योजना के कारण अतिरिक्त खर्च जुड़ने से राज्य के अधिशेष बनाने की क्षमता प्रभावित हुई है।
महाराष्ट्र के पिछले साल के बजट में गरीबी रेखा से नीचे की महिलाओं के आर्थिक मदद के लिए लाडकी बहीण योजना (Ladki Bahin Scheme) की घोषणा की गई थी। महायुति सरकार ने 1 जुलाई से इसे लागू किया और आचार संहिता लागू होने तक 1,500 रुपये हर महीने के हिसाब से पांच किस्तों का भुगतान कर दिया। यहां तक कि विपक्षी दल जो लोकसभा चुनाव में सफलता से उत्साहित थे, वो भी लाडकी बहीण योजना (Ladki Bahin Yojana) का तोड़ निकालने में जुट गए।
चुनाव प्रचार के दौरान महायुति सरकार ने लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था। माना जाता है कि नवंबर 2024 में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति की जीत में इस योजना ने अहम भूमिका निभाई थी।
हालाँकि, चुनाव से पहले ही इस योजना में 46,000 करोड़ रुपये का अनुमानित वार्षिक खर्च चिंता का विषय था। ऐसे में यदि अब 2.5 करोड़ पंजीकृत लाडली बहनों को 2,100 रुपये प्रति माह दिया जाता है तो योजना पर कुल वार्षिक खर्च बढ़कर 63,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।
मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया कि पैसे बढ़ाने के वादे में एक शर्त थी। उन्होंने कहा, “हम लाडली बहना की राशि को बढ़ाकर 2,100 रुपये करेंगे। हम बजट के समय इस पर विचार करेंगे, लेकिन हम ऐसा तभी कर सकते हैं जब हमारे वित्त को उचित तरीके से व्यवस्थित किया जाए।''
वहीँ, सूत्रों का कहना है कि लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) के पैसे में बढ़ोतरी लाभार्थी महिलाओं के आवेदनों के वेरिफिकेशन के बाद ही हो सकती है। साथ ही चालू वित्त वर्ष में इसके होने की संभावना नहीं है। अगर इस संबंध में कोई निर्णय लिया जाता है, तो वह अगले वित्तीय वर्ष में लागू होगा, क्योंकि अभी सरकार के लिए इतना बड़ा खर्च उठाना मुश्किल होगा।
राज्य सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि लाभार्थियों का क्रॉस-वेरिफिकेशन किया जाएगा, इसके बाद जरूरत पड़ने पर नाम हटाए जाएंगे। योजना के नियमों के अनुसार, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है, या चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर छोड़कर) के मालिक हैं, या जो राज्य से बाहर चले गए हैं, या जिनके पास डोमिसाइल सर्टिफिकेट नहीं है, या जिनके बैंक खाते आधार से लिंक नहीं है, या जो पहले से ही किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ ले रहे हैं, वे लाडकी बहिन योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं।
महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अधिकारी ने बताया कि यदि स्थानीय प्रशासन द्वारा उठाये गए मुद्दों और शिकायतों पर गौर किया गया तो लाभार्थी सूची से 10 फीसदी यानी 24 लाख महिलाओं का नाम कट सकता है।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने साफ तौर पर कहा है कि सभी लाभार्थी महिलाओं की जांच नहीं होगी। सिर्फ उन मामलों की जांच की जाएगी, जिनकी स्थानीय प्रशासन को शिकायतें मिली हैं या जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है। तटकरे ने कहा कि लाडकी बहिन योजना की लगभग 60-70% लाभार्थी महिलाएं पीले और भगवा रंग के राशन कार्ड धारक या बीपीएल हैं। उनके रिकॉर्ड को दोबारा सत्यापित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
Published on:
11 Jan 2025 02:13 am
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