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महाराष्ट्र में विपक्ष का सीट बंटवारा फाइनल, शरद पवार की NCP सबसे कम, कांग्रेस 18 सीटों पर लड़ेगी चुनाव

Maharashtra Seat Sharing: लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की डील एमवीए ने फाइनल कर ली है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Mar 01, 2024

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महाराष्ट्र में विपक्ष की सीट शेयरिंग पर अटकी बात

महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर फैसला हो गया है। खबर है कि महाराष्ट्र में विपक्षी महाविकास अघाडी (MVA) गठबंधन ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप दे दिया है। इसकी औपचारिक घोषणा दो दिन के भीतर हो सकती है।

मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ेगा। जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सबसे कम 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीँ, कांग्रेस 18 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) की झोली में दो सीटें आयेंगी। हालांकि वीबीए को दो सीटें उद्धव गुट के हिस्से से दी जाएंगी। यह भी पढ़े-‘....भोजन करने घर पधारें’, शरद पवार की सियासी गुगली, शिंदे-फडणवीस और भतीजे अजित को भेजा न्योता

वीबीए ने पांच सीटों की मांग की थी। लेकिन उसे शिवसेना (यूबीटी) के हिस्से से दो सीटें मिलेंगी। वहीँ, स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर राजू शेट्टी को पवार की एनसीपी समर्थन देगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से चार पर चुनाव लड़ेगी। जिनमें से एक मुंबई उत्तर पूर्व की सीट वीबीए को दी जा सकती है।

गौरतलब हो कि शिवसेना और एनसीपी दोनों दल दो धड़ों में बंट चुके है और उनका एक-एक गुट अधिकांश विधायकों के साथ सत्ताधारी महायुति गठबंधन का हिस्सा है।

महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन में शिवसेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें बीजेपी को 23 और शिवसेना को 18 सीटों पर कामयाबी मिलीं। मुंबई की दक्षिण मध्य और उत्तर पश्चिम सीट पर शिवसेना जीती थीं। कांग्रेस ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल चंद्रपुर में जीत हासिल की, जबकि एनसीपी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और चार पर विजयी हुई।

मालूम हो कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस और शरद पवार नीत एनसीपी भी शामिल हैं। अविभाजित शिवसेना ने 2019 के चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और 18 लोकसभा सीटें जीती थीं। लेकिन तब की शिवसेना अब दो धड़ों में बंट चुकी है। उनमें से केवल 5 सांसद उद्धव के साथ हैं, जबकि बाकि 13 सांसद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में हैं।

बीजेपी के लिए महाराष्ट्र जीतना जरुरी

बीजेपी ने महाराष्ट्र की 45 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। दरअसल उत्तर प्रदेश (80 सीट) के बाद महाराष्ट्र में सबसे अधिक 48 लोकसभा सीटें हैं। इसलिए ये दोनों राज्य बीजेपी के लिए बेहद अहम हैं। इसके लिए खास रणनीति भी बनायीं गयी है।

2019 में कैसे थे नतीजे?

पिछले लोकसभा चुनाव में शिवसेना ने बीजेपी के साथ मिलकर 23 सीटो पर चुनाव लड़ा था। तब शिवसेना ने 18 सीट पर जीत हासिल की थी। वहीँ, कांग्रेस 25 जगहों पर लड़ी और महज एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी। एनसीपी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और चार पर विजयी हुई। तब प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वीबीए ने 48 में से 47 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि कोई सीट जीत नहीं सकी थी। पर वीबीए को करीब सात फीसदी वोट मिले थे।

तब राज्य में बीजेपी को करीब 28 फीसदी, शिवसेना को 23 फीसदी, कांग्रेस और एनसीपी को 16 फीसदी वोट मिले थे। ‎असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को एक फीसदी से कम वोट मिला था, लेकिन एआईएमआईएम औरंगाबाद लोकसभा सीट जितने में कामयाब रही।