
Sharad Pawar Ajit PawarMeeting : महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तब तेज हो गई जब पुणे में एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मुलाकात हुई। यह बैठक शनिवार को पुणे स्थित वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट में हुई, जहां जयंत पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल समेत अन्य नेता भी मौजूद थे। हालांकि इस बैठक में गन्ना उद्योग, किसानों से जुड़े मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गईं।
शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) ने नाराजगी जताई है। उद्धव गुट के नेता और सांसद संजय राउत ने चाचा-भतीजे के फिर साथ आने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विश्वासघात कर शिवसेना तोड़ने वालों से उनकी पार्टी कोई संबंध नहीं रखती।
शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात पर बोलते हुए राउत ने कहा, "उनके बीच सब कुछ ठीक है। हम शिवसेना छोड़ने वालों से संपर्क करने की कोशिश तक नहीं करते हैं। जिस तरह से उन्होंने महाराष्ट्र को धोखा दिया है और पीठ में छुरा घोंपा, हम उनके करीब भी नहीं जाएंगे।"
राउत ने आगे कहा कि उनके पास वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट, विद्या प्रतिष्ठान और रयत शिक्षण संस्थान जैसी संस्थाएं हैं, लेकिन हमारे पास ऐसा कुछ नहीं है। हम ऐसी बैठकें (पाला बलदने वाले शिवसेना नेताओं के साथ) नहीं करते हैं। यहां तक की अगर ऐसी मुलाकातों की संभावना होती है तो हम उससे बचते हैं। हम राजनीतिक संवाद में विश्वास नहीं रखते। हम हमारी पार्टी तोड़ने वालों से लड़ते रहेंगे और उन्हें सबक सिखाएंगे।
पिछले महीने राज्यसभा सांसद राउत ने शरद पवार द्वारा एकनाथ शिंदे को दिल्ली में ‘महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित करने और उनकी प्रशंसा करने पर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था, "राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता यह ठीक बात है। लेकिन जिसने महाराष्ट्र को नुकसान पहुंचाया, जिसे हम महाराष्ट्र का दुश्मन समझते है, उनके साथ पवार खुलेआम बैठे हैं। आप वरिष्ठ नेता हैं, हम आपका सम्मान करते हैं। लेकिन मराठी मानुष को इससे दुख होता है... राजनीति हम भी समझते हैं। राजनीति में कुछ चीजों से बचना जरुरी होता है।“
इस बैठक को लेकर जब एनसीपी (शरद पवार) सांसद सुप्रिया सुले से सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट में सभी राजनीतिक दलों के सदस्य शामिल होते हैं और यह बैठक पूरी तरह से गन्ना उद्योग, किसानों और नई तकनीकों को लेकर थी। उन्होंने इस मुलाकात को एक शैक्षणिक बैठक बताते हुए कहा कि इसमें किसी भी तरह की राजनीति या विचारधारा से जुड़े विषयों पर चर्चा नहीं की जाती।
उधर, एनसीपी प्रमुख व राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी कहा कि यह बैठक सिर्फ गन्ना उद्योग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि हम सभी वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट के सदस्य हैं और हमने चीनी क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की।
हालांकि, इस मुलाकात के बाद राजनीतिक अटकलों का दौर तेज हो गया है। महाराष्ट्र की राजनीति में यह सवाल उठने लगा है कि क्या एनसीपी के दोनों गुटों के बीच निकाय चुनाव को लेकर कोई नया समीकरण बन रहा है। हालांकि यह आने वाले दिनों में ही स्पष्ट होगा कि यह मुलाकात सिर्फ किसानों के हित से जुड़े मुद्दों तक सीमित थी या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक मकसद छिपा हुआ है।
Updated on:
23 Mar 2025 03:45 pm
Published on:
23 Mar 2025 12:32 pm
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