7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Mumbai: नहीं थम रही शिवसेना में भगदड़, अब आदित्य ठाकरे के गढ़ वर्ली में सैकड़ों कार्यकर्ता शिंदे गुट में हुए शामिल

Shiv Sena: शिवसेना की युवा इकाई के प्रमुख आदित्य ठाकरे के (Aditya Thackeray) निर्वाचन क्षेत्र वर्ली (Worli) से रविवार को बड़ी संख्या में शिवसेना कार्यकर्ता शिंदे समूह में शामिल हो गए हैं। जिस वजह से उद्धव ठाकरे को एक और तगड़ा झटका लगा है।

less than 1 minute read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Oct 02, 2022

shiv sena Eknath Shinde Aditya Thackeray

दशहरा रैली से पहले आदित्य ठाकरे को लगा बड़ा झटका

Aditya Thackeray: महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) से जुड़ी बड़ी खबर है। एक तरफ शिवसेना (Shiv Sena) दशहरा सभा को लेकर जोर-शोर से तैयारी कर रही है। वहीँ, दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने ठाकरे खेमे को बड़ा झटका दिया है।

शिवसेना की युवा इकाई के प्रमुख आदित्य ठाकरे के (Aditya Thackeray) निर्वाचन क्षेत्र वर्ली (Worli) से रविवार को बड़ी संख्या में शिवसेना कार्यकर्ता शिंदे समूह में शामिल हो गए हैं। वर्ली के कोलीवाड़ा (Koliwada) से लगभग 500 कार्यकर्ता शिंदे खेमे में जुड़ गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मौजूद थे। यह भी पढ़े-Maharashtra: 'मातोश्री' पर हर महीने जाते थे 100 करोड़ रुपए... शिंदे गुट के शिवसेना सांसद ने लगाया सनसनीखेज आरोप

शिवसेना के पहले विधायक दिवंगत वामनराव महाडीक की बेटी हेमांगी वामनराव महाडीक (Hemangi Vamanrao Mahadik) ने सीएम एकनाथ शिंदे से उनके वर्षा आवास पर मुलाकात कर उन्हें अपना समर्थन जताया। जिस वजह से उद्धव ठाकरे को एक और तगड़ा झटका लगा है। कुछ दिन पहले ही शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के बेहद करीबी रहे चंपा सिंह थापा (Champa Singh Thapa) भी एकनाथ शिंदे गुट से जुड़ गए।

आदित्य ठाकरे विधानसभा में मुंबई की वर्ली सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। आम तौर पर शांत और सौम्य रहने वाले 32 वर्षीय आदित्य ठाकरे विद्रोह के बाद से आक्रामक रुख अपना रखा है। ठाकरे परिवार के उत्तराधिकारी राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे हैं।

गौरतलब हो कि शिवसेना के दोनों गुट- उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे अभी दशहरा रैली (Dasara Melava) की तैयारियों में जुटे हुए हैं। शिवसेना अपनी दशहरा रैली से बगावत के चलते जो कुछ भी खोया है उसे फिर से हासिल करने की कोशिश करेगी।