
शिंदे सेना फिर लगाएगी उद्धव खेमे में सेंध (पत्रिका फोटो)
शिवसेना की फूट के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार नए समीकरण बनते-बिगड़ते नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) की महाविकास आघाड़ी (MVA) ने शानदार जीत हासिल की थी। लेकिन इसके कुछ महीने बाद हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) की महायुति ने महाविकास आघाड़ी को करारी शिकस्त दी और प्रचंड बहुमत के साथ फिर सरकार बनायीं। अब मुंबई महानगर पालिका चुनाव (BMC Election) से पहले एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
शिवसेना शिंदे गुट के विधायक कृपाल तुमाने के दावे ने राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है। उन्होंने दावा किय है कि उद्धव ठाकरे खेमे के दो विधायकों को छोड़कर बाकी सभी विधायक शिंदे की शिवसेना के संपर्क में हैं और बहुत जल्द पार्टी में शामिल होंगे। इस बयान ने सूबे की राजनीति में खलबली मचा दी है।
कृपाल तुमाने ने यह भी दावा किया कि ठाकरे गुट के कई विधायक संजय राउत के रुख से नाखुश हैं। उन्होंने संकेत दिए कि इस बार दशहरे के बाद बड़े स्तर पर विधायकों का शिंदे गुट में प्रवेश हो सकता है। उल्लेखनीय है कि शिवसेना की दशहरा रैली को हमेशा से बड़ी घोषणाओं और फैसलों का दिन माना जाता रहा है।
बीएमसी चुनाव से ठीक पहले यदि यह दावा सच साबित होता है, तो यह उद्धव ठाकरे गुट के लिए बड़ा झटका हो सकता है। पहले से ही कठिन परिस्थिति का सामना कर रहे उद्धव की शिवसेना के सामने विधायकों का संभावित पलायन बड़ी मुसीबत खाड़ी कर सकता है। इससे चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकता है। ऐसे में बीएमसी चुनाव और भी दिलचस्प होने की संभावना है।
अविभाजित शिवसेना विधायकों और सांसदों के एक बड़े हिस्से ने जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी और एकनाथ शिंदे नीत खेमे में शामिल हो गये थे, जिसे बाद में चुनाव आयोग ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी।
Published on:
09 Sept 2025 11:46 am
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