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Uddhav Thackeray: राज ठाकरे से हाथ मिलाने की रणनीति तैयार, कब होगा ऐलान? उद्धव ने बताई दिल की बात

उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उबाठा) और राज ठाकरे की मनसे के बीच गठबंधन को लेकर अटकलें कई महीनों से चल रही हैं, लेकिन मनसे की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट रुख सामने नहीं आया है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jul 20, 2025

Raj Thackeray and Uddhav Thackeray unite

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे (Photo: IANS)

Uddhav Thackeray Sanjay Raut Interview: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। हाल ही में मुंबई में दोनों भाइयों की एक साझा सभा हुई, जिसके बाद यह अटकलें तेज हो गईं कि मनसे और शिवसेना (उद्धव गुट) का राजनीतिक मिलन अब दूर नहीं। दोनों भाई राज्य के आगामी चुनाव साथ लड़ने की घोषणा करेंगे।

इन चर्चाओं पर अब उद्धव ठाकरे ने खुद बयान देकर संकेत दिए हैं कि दोनों भाई एक हो सकते हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादक संजय राउत को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा, "हम अगर एक साथ आते हैं, तो किसी को क्या दिक्कत? जिन्हें दिक्कत है, वो अपना दर्द खुद संभालें। ठाकरे चोरी-छिपे नहीं मिलते। ठाकरे ब्रांड अलग है और ठाकरे कुछ चोरी छिपे नहीं करते। अगर मिलना है, तो खुलेआम मिलेंगे।"

उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता के मन में जो है, वही हम करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मराठी अस्मिता और महाराष्ट्र धर्म के लिए दोनों भाइयों का साथ आना समय की मांग है। हम आखिरकार मराठी मानुष के लिए ही तो लड़ रहे हैं। लोगों की भावना है कि हम एक साथ आएं, और हम वह भावना साकार करेंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि दोनों के बीच अब संवाद की कोई दीवार नहीं है। ठाकरे ने कहा, "मैं कभी भी उसे (राज ठाकरे को) फोन कर सकता हूं, वो मुझे कर सकता है। हम मिल सकते हैं, इसमें क्या दिक्कत है?"

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, दो दशक में साथ आए हैं, यह छोटी बात नहीं है, कहते हुए उद्धव ठाकरे ने इस पहल को ऐतिहासिक बताया और यह भी जोड़ा कि उनका गठबंधन केवल मराठी जनता को ही नहीं, मुस्लिम, गुजराती और हिंदी भाषी समुदायों को भी खुशी देने वाला है। हम सही समय पर सही निर्णय लेंगे।

मनसे ने नहीं खोले पत्ते

दिलचस्प बात यह है कि जहां उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे से गठबंधन करने के संकेत दिए हैं, वहीं राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की ओर से गठबंधन पर कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि आगामी बीएमसी चुनाव व अन्य स्थानीय और नगर निकाय चुनावों से पहले अगर शिवसेना (उद्धव गुट) और मनसे साथ आते हैं तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

हालांकि, राज ठाकरे की रणनीति पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। क्या वे चचेरे भाई उद्धव के साथ गठबंधन की राह अपनाएंगे या अकेले चुनावी मैदान में उतरेंगे, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल, सभी की निगाहें राज ठाकरे के अगले कदम पर टिकी हैं।

गौरतलब हो कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे और पार्टी के 39 विधायकों की बगावत के बाद शिवसेना विभाजित हो गई थी जिसके परिणामस्वरूप उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। इसके बाद बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले शिंदे मुख्यमंत्री बने थे। बाद में कई महीनों तक चली सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी है और उसे धनुष-बाण चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने की अनुमति दी है जबकि ठाकरे खेमे को शिवसेना (उबाठा) नाम 'मशाल' चुनाव चिह्न मिला।