
महाराष्ट्र में स्क्रब टाइफस का प्रकोप बढ़ा
Scrub Typhus Outbreak in Buldana: महाराष्ट्र (Maharashtra) के बुलढाना (Buldana) जिले में इन दिनों घातक स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) खूब चर्चा में है। दरअसल जिले में इस बीमारी ने 9 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। आने वाले दिनों में 'स्क्रब टाइफस' कहे जाने वाले माइट जनित रिकेट्सियोसिस के और मामलों की पुष्टी होने संभावना जताई जा रही। इस वजह से स्वास्थ्य महकमा हाई अलर्ट पर है।
स्क्रब टाइफस के मरीज अमूमन अफगानिस्तान, पाकिस्तान, जापान, इंडोनेशिया और रूस में पाए जाते हैं। जबकि महाराष्ट्र में इसका संक्रमण अत्यंत दुर्लभ है। हमारे देश में हर साल इस बीमारी के एक या दो मामले सामने आते हैं। हालांकि केरल में जून में स्क्रब टाइफस से एक 15 वर्षीय छात्र की मौत हो गई थी। अब बुलढाना जिले में एक-दो नहीं बल्कि नौ मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। अकेले खामगांव में स्क्रब टाइफस के 7 मामले मिले है। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट होकर काम कर रही है। यह भी पढ़े-GST: ठाणे में फर्जी चलान रैकेट का पर्दाफाश, 41 करोड़ के फर्जी जीएसटी बिल के साथ 1 आरोपी गिरफ्तार
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के बुलढाना जिले के खामगांव तालुका में स्क्रब टाइफस के एक मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है। इसके चलते उसका इलाज अकोला के अस्पताल में चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने खासकर खामगांव के लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।
स्क्रब टाइफस क्या है?
स्क्रब टाइफस संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से लोगों में फैलता है. इसे 'बुश टाइफस' (Bush Typhus) भी कहा जाता है। स्क्रब टाइफस ऑरेंटिया सुतसुगामुसी जीवाणु (Bacterium Orintia Tsutsugamushi) के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है जो मिट्टी में मौजूद संक्रमित लार्वा घुन के काटने से फैलता है।
संक्रमण के लक्षण
सबसे आम लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और कभी-कभी शरीर पर दाने होना शामिल हैं। कुछ मामलों में शरीर पर सूखे चकते भी हो सकते हैं। सांस फूलना, खांसी, जी मितलाना, उल्टी होना भी संक्रमण के अन्य लक्षण है। गंभीर मामलों में मरीज कोमा में भी जा सकता है।
बचाव के तरीकें व इलाज
साफ-सफाई पर ध्यान देने के साथ चूहों से बचाव कर इस बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सकता है। चूहा, छछून्दर गिलहरी आदि द्वारा कुतरे गए फल अथवा खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। जब भी फल आदि खाएं तो उसे धोकर खाना चाहिए, खाना खुला न छोड़ें। खेतों में काम करते समय संभव हो तो हाथ-पैर को ढक कर रखना चाहिए।
इस बीमारी में सर्तकता ही सबसे बड़ा उपचार है। समय पर यदि बीमारी का पता चल जाए, तो इसे ठीक किया जा सकता है। इसलिए बुखार समेत अन्य लक्षण दिखने पर जांच जरूर कराएं। इलाज में लापरवाही बरतने पर संक्रमित की मौत भी हो सकती है।
Published on:
19 Aug 2022 04:26 pm
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