
महाराष्ट्र में अल नीनो ने बढ़ाई गर्मी!
El Nino Impact On Winter Season: महाराष्ट्र से मॉनसून की विदाई होने के साथ ही तापमान में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। पारा चढ़ने से मुंबई के साथ-साथ कोंकण, विदर्भ और मराठवाड़ा में भीषण गर्मी पड़ रही है। हालांकि राज्य के कुछ हिस्सों में हलकी बारिश से तपन से थोड़ी राहत मिली है। लेकिन महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में तेज धूप हो रही है। मौसम विभाग (आईएमडी) की मानें तो अगले कुछ दिनों तक अक्टूबर की गर्मी झेलनी पड़ेगी। इसके पीछे ‘अल नीनो’ को भी वजह माना जा रहा है।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, ‘अल नीनो’ सिस्टम अभी भी सक्रिय है, इसलिए आगामी सर्दियों के मौसम पर इसका प्रभाव पड़ने की संभावना है। अल नीनो के प्रभाव से तापमान सामान्य से अधिक बढ़ रहा है। नतीजतन, इस साल महाराष्ट्र समेत पूरे देश में ‘गर्म-सर्दी’ पड़ सकती है। यानि ज्यादा दिनों तक कड़ाके की सर्दी पड़ना मुश्किल है! हालांकि इसको लेकर अभी स्पष्ट तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता. तापमान में कितनी वृद्धि होगी, यह भी अभी कहना मुश्किल है। यह भी पढ़े-Student Insurance: महाराष्ट्र में छात्रों के लिए विशेष बीमा योजना की घोषणा, प्रीमियम 20 रुपये, यहां जानें सबकुछ
नहीं पड़ेगी कड़ाके की ठंड?
एक मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि अल नीनो के प्रभाव के कारण महाराष्ट्र में नवंबर से जनवरी के बीच सर्दियों के सीजन में तापमान सामान्य तापमान से एक या दो डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकता है।
वहीं, आईएमडी पुणे (IMD Pune) के मौसम पूर्वानुमान विभाग के प्रमुख अनुपम कश्यपी ने कहा, अल नीनो आगामी सर्दियों के मौसम को प्रभावित कर सकता है। इससे मुख्य रूप से तापमान में वृद्धि होगी। इसलिए महाराष्ट्र समेत पूरे देश में पारा चढ़ेगा, हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि इसका सर्दी के मौसम पर कितना असर पड़ेगा।“
महाराष्ट्र पर कितना असर?
आईएमडी के एक अधिकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में इस साल मॉनसून की जल्दी वापसी हुई। जबकि पिछले पांच वर्षों में बारिश का सीजन देरी से खत्म हुआ था। इस साल बारिश के पैटर्न को देखे तो कम बारिश वाले दिन अधिक थे। मॉनसून के जाने के तुरंत बाद राज्य के कुछ क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में बड़ा इजाफा देखा गया। महाराष्ट्र में मौसम का यह बदलाव अल नीनो के प्रभाव का स्पष्ट संकेत देता है।
खेती को नुकसान
अनुपम कश्यपी ने कहा, “गर्मी बढ़ने का असर कई क्षेत्रों में रबी फसलों पर भी पड़ सकता है। खासकर ज्वार, गेहूं, चना आदि फसलों को, जिन्हें ठंडे मौसम की आवश्यकता होती है।“
‘अल नीनो’ है क्या?
मालूम हो कि ‘अल नीनो’ एक जलवायु पैटर्न है जो पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से गर्म होने को दर्शाता है। इस वर्ष भारत पर अल नीनो का बड़ा प्रभाव देखा जा रहा है। अल नीनो जुलाई में शुरू हुआ और अगले साल के शुरुआत तक यानी फरवरी से मार्च 2024 तक जारी रहने की उम्मीद है।
मॉनसून पर प्रभाव
अल नीनो का दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा, खासकर अगस्त महीने में बारिश पर बड़ा ब्रेक लगा। हालांकि पॉजिटिव आईओडी (Indian Ocean Dipole) की वजह से अल नीनो के प्रभाव की भरपाई भी हुई। लेकिन इसके बावजूद उम्मीद के मुताबिक सामान्य बारिश नहीं हुई।
Published on:
18 Oct 2023 12:13 pm
बड़ी खबरें
View Allमुंबई
महाराष्ट्र न्यूज़
ट्रेंडिंग
