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Maratha Reservation: नहीं माने मराठा नेता मनोज जरांगे, शिंदे सरकार को दिया 4 दिन का अल्टीमेटम

Maratha Reservation: मराठा आंदोलन का बड़ा चेहरा बन चुके मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को चार दिन का समय दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह अपना आंदोलन तब तक वापस नहीं लेंगे, जब तक मराठा आरक्षण लागू नहीं हो जाता है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Sep 05, 2023

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मनोज जरांगे पर एफआईआर

Manoj Jarange Maratha Andolan: महाराष्ट्र में मराठा समुदाय आरक्षण की मांग पर अड़ा हुआ है। मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज जालना में भूख हड़ताल पर बैठे मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) से मुलाकात की। हालाँकि सरकारी नुमाइंदो से चर्चा के बाद भी जरांगे नहीं माने और अनशन पर डटे रहने का ऐलान किया। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से स्पष्ट कहा कि वह अपना आंदोलन तब तक वापस नहीं लेंगे, जब तक मराठा आरक्षण लागू नहीं हो जाता है।

महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद मराठा आंदोलन (Maratha Agitation) के नेता मनोज जरांगे ने आरक्षण लागू करने के लिए सरकार को चार दिन का समय दिया है। मराठा आंदोलन का बड़ा चेहरा बन चुके मनोज जरांगे ने सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कहा, हम सरकार को मराठा आरक्षण पर अध्यादेश पारित करने के लिए चार दिन का समय दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि तब तक वह अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगे। यह भी पढ़े-मराठा को OBC आरक्षण में हिस्सेदार बनाना सही नहीं, बढ़ाई जाये 50% की सीमा, शरद पवार का बड़ा बयान


प्रतिनिधिमंडल से बातचीत बेनतीजा!

मनोज जरांगे ने कहा, मराठा आरक्षण पर सरकार से चर्चा हुई है। हमारे आरक्षण का मुद्दा पिछले 50 वर्षों से लंबित है। सरकार को रिपोर्ट देनी होगी, लेकिन हम आंदोलन वापस नहीं लेंगे। हम सरकार को चार दिन का और समय दे रहे है। जब तक सरकार जीआर लेकर नहीं आयेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

जारांगे भूख हड़ताल पर अड़े

मराठा नेता ने कहा, "हम सरकार को चार दिन और दे रहे हैं, क्योंकि सरकार को समिति की सिफारिश देखनी है। तब तक मेरा भूख हड़ताल और विरोध जारी रहेगा, हम जीआर (Government Resolution) के लिए और चार दिन का इंतजार करेंगे।"


सरकार को चाहिए और समय

मालूम हो कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा था कि मराठवाडा क्षेत्र के मराठों को कैसे कुनबी जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाए, इसे लेकर समिति एक महीने के भीतर रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा आरक्षण कोटे में मराठा समुदाय को शामिल किया जा सकता हैं। हालाँकि विपक्ष केंद्र सरकार के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की तर्ज पर मराठों के लिए अलग से आरक्षण देने की मांग कर रहा है।

बता दें कि जालना पुलिस ने गत शुक्रवार को जिले के अंबड तालुका के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले दागे थे। दरअसल प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन को मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे मनोज जरांगे को अस्पताल में भर्ती कराने से कथित तौर पर रोक दिया था जिसके बाद यह हिंसा हुई थी।