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मराठा आरक्षण: अनशन पर बैठे मनोज जरांगे की हालत नाजुक, सरकार ने उठाया ये कदम

Maratha Reservation: मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे 10 फरवरी से भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Feb 15, 2024

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मनोज जरांगे की बिगड़ी तबीयत, सरकार ने बुलाया विशेष सत्र

मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे मनोज जरांगे पाटील (Manoj Jarange Patil) की तबियत बिगड़ती जा रही है। आज उनकी भूख हड़ताल का छठा दिन है। जलाना के अंतरवाली सराटी में मनोज जारांगे 10 फरवरी से अनशन पर बैठे है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा पिछले महीने जारी अधिसूचना को लागू नहीं करने पर मुंबई में फिर से विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनोज जरांगे की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। बुधवार को तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें सलाइन लगाना पड़ा। लेकिन बाद में उन्होंने सलाइन निकाल दिया और आरक्षण लागू नहीं होने तक अनशन जारी रखने का ऐलान किया। जिसके बाद आज मनोज जरांगे की हालत नाजुक हो गई है। वह अचेत पड़े हुए है। ग्रामीणों और मराठा कार्यकर्ताओं के बहुत कहने पर उन्होंने थोड़ा सा पानी पिया। उन्हें पानी पीने में भी कठिनाई हो रही है। इस बीच, अनशन स्थल पर बड़ी संख्या में लोग जुट गए हैं। यह भी पढ़े-मनोज जरांगे का अनशन जारी, नाक से आया खून, धारा-144 लागू


मनोज जरांगे की हालत चिंताजनक

मनोज जरांगे की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का आज छठा दिन है। वह काफी कमजोर हो गये हैं। चिंता की बात यह है कि उनकी हालत अब बेहद नाजुक हो गयी है। शरीर में पानी की भारी कमी हो गई है। कमजोरी के कारण उन्हें चक्कर आ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि भोजन, पानी और यहां तक कि दवा लेने से भी मना करने वाले जरांगे को तुरंत इलाज की जरुरत है। मराठा प्रदर्शनकारी उनसे लगातार पानी पीने का आग्रह कर रहे हैं। लेकिन वह पानी तक पीने को तैयार नहीं हैं।

PM मोदी के कार्यक्रम को रोकेंगे- जरांगे

बता दें कि मनोज जरांगे की स्वास्थ्य स्थिति को बिगड़ता देख कल उन्हें तरल पदार्थ दिया गया था। इससे वह खफा हो गये और कहा, ‘‘ जिन्होंने मुझे नींद के दौरान तरल पदार्थ दिया वे अब मराठा आरक्षण लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं। सरकार यह मानकर चुप नहीं बैठ सकती कि मेरे अपने लोग इन तरीकों से मेरी मृत्यु को रोक देंगे। अगर सरकार दो दिन के भीतर कदम नहीं उठाती है, तो मैं मुंबई में अपना अनशन फिर से शुरू करूंगा।"

इससे पहले, जरांगे ने विरोध स्थल से चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो महाराष्ट्र में पीएम मोदी की कोई भी रैली नहीं होने दी जाएगी।

20 फरवरी को विशेष सत्र

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया। शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए 20 फरवरी को विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने को मंजूरी दी है। इसलिए अब मराठा आरक्षण से जुड़ी मांग पर चर्चा के लिए 20 फरवरी को सत्र आयोजित किया जाएगा।

मनोज जरांगे की मांग है कि कुनबी मराठों के रक्त संबंधियों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने को लेकर मसौदा अधिसूचना को कानून में बदलने के लिए विशेष सत्र बुलाया जाए।

हाईकोट में क्या बोली सरकार?

इस बीच, बुधवार को महाराष्ट्र सरकार की ओर से बॉम्बे हाईकोट को बताया कि कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करके पात्र मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे है।

मालूम हो कि पिछले एक साल में यह चौथी बार है जब मनोज जरांगे मराठा समुदाय को ओबीसी समूह के तहत आरक्षण दिलवाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे हैं।