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Ganesh Chaturthi 2025: लालबागचा राजा से लेकर GSB गणपति तक, मुंबई के इन 5 पंडालों में जाकर जरूर करें बप्पा के दर्शन

Famous Ganpati Pandals in Mumbai : मुंबई में बुधवार को गाजे बाजे के साथ पंडालों में विघ्नहर्ता विराजमान हुए। शहरभर में खूबसूरत पंडाल फूलों और लाइटों से सजे नजर आ रहे है। इस साल गणेश उत्सव 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी से 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाएगा।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Aug 27, 2025

Famous Ganpati Pandals in Mumbai

Famous Ganpati Pandals in Mumbai

Mumbai Ganpati Festival 2025 : मुंबई में ‘गणपति बप्पा मोरया’ (Ganeshotsav 2025) की गूंज के साथ 10 दिवसीय गणेशोत्सव का आगाज आज (27 अगस्त) से हो चुका हैं। फूलों और लाइटों से सजे पंडालों में विघ्नहर्ता गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) विराजमान हो गए हैं। पंडालों को सांस्कृतिक और धार्मिक थीम से सजाया गया है। इस साल गणेश उत्सव 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी से 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाएगा।

मुंबई में 10 दिवसीय गणेशोत्सव की धूम हर जगह दिख रही है। मुंबई के प्रसिद्ध पंडालों में भगवान गणेश के भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। हर साल की तरह इस साल भी गणेशोत्सव के दौरान मुंबई में लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja), चिंचपोकलीचा चिंतामणि (Chinchpoklicha Chintamani), खेतवाड़ीचा राजा (Khetwadi Cha Raja), जीएसबी सेवा मंडल (GSB Seva Mandal) और अंधेरीचा राजा (Andheri Cha Raja) मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

1. लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja)

'लालबागचा राजा' यानी 'लालबाग के राजा' मुंबई के सबसे अमीर, प्रतिष्ठित और लोकप्रिय गणेश पंडालों में से एक है। इस मंडल की स्थापना 1934 में कोली समुदाय के मछुआरों द्वारा लालबाग बाजार में की गई थी। यह लालबागचा राजा का 92वां वर्ष है। लालबागचा राजा के दर्शन के लिए बड़े-बड़े नेता, उद्योगपति, फिल्‍म स्‍टार अपने परिवार के साथ दर्शन करने पहुंचते हैं।

'नवसाला पावणारा गणपती' यानी मन्नतें पूरी करने वाले बप्पा के रूप में प्रसिद्ध लालबागचा राजा के मंडप को इस वर्ष भगवान तिरुपति बालाजी की थीम पर सजाया गया है। मंडप का दृश्य किसी स्वर्ण महल जैसा है। जिसमें विराजमान बप्पा का रूप अत्यंत मनमोहक और दिव्य नजर आ रहा है। बप्पा के हाथ में चक्र, सिर पर आकर्षक मुकुट और बैंगनी रंग की धोती ने इस साल की प्रतिमा को खास बना दिया है।

लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja Ganapati) का अनंत चतुर्दशी के दिन गिरगांव चौपाटी में विसर्जन होता है। इस दौरान भव्य शोभायात्रा दक्षिण मुंबई की सड़कों पर निकाली जाएगी, जो आमतौर पर अगले दिन यानी 7 सितंबर की सुबह तक चलेगी।

2. चिंचपोकलीचा चिंतामणि (Chinchpoklicha Chintamani)

चिंचपोकलीचा चिंतामणि मुंबई के सबसे पुराने सार्वजनिक गणेश मंडलों में से एक है। जिसकी स्थापना 1920 में की गयी थी। चिंचपोकली का यह पंडाल अपनी अनूठी थीम और सुसंपन्न सजावट के लिए जाना जाता है। गणेशोत्सव के दौरान यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है। यहां बप्पा के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते है। पंडाल के बाहर हर समय दर्शनार्थियों की भीड़ लगती है।

3. खेतवाड़ीचा राजा (Khetwadi Cha Raja)

मुंबई के ग्रांट रोड में खेतवाड़ी में हर साल खेतवाड़ीचा राजा विराजमान होते है। खेतवाडीचा गणराज पंडाल (Khetwadicha Ganraj Pandal) अपनी प्रभावशाली सजावट के लिए प्रसिद्ध है और भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है। ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान गणेश की मूर्ति का आकार वर्षों से नहीं बदला है। यहां तक कि गणेश प्रतिमा भी एक ही निर्माता द्वारा बनाई जा रही है। जिससे यह अनूठी विशेषता बनी हुई है।

4. जीएसबी सेवा मंडल (GSB Seva Mandal)

मुंबई के किंग्स सर्कल का यह पंडाल हर साल अपनी भव्य सजावट और अनोखी थीम के लिए जाना जाता है। इसे शहर का सबसे अमीर गणेश मंडल कहा जाता है। यह मंडल अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक पहलों के लिए भी जाना जाता है। पांच दिवसीय जीएसबी गणपति को देखने के लिए हर साल लाखों भक्त पंडाल पहुंचते है। इस साल मंडल 71वां गणपति उत्सव मना रहा हैं। इस साल बप्पा की मूर्ति को 69+ किलो सोने के आभूषणों, 336+ किलो चांदी और अन्य कीमती वस्तुओं से सजाया गया है। जीएसबी सेवा मंडल ने 474.46 करोड़ रुपये का बीमा कवर भी लिया है। 31 अगस्त को भव्य जुलूस के बाद बप्पा का विसर्जन किया जाएगा।

5. अंधेरीचा राजा (Andheri Cha Raja)

अंधेरी में स्थित यह पंडाल अपने क्रिएटिव और इनोवेटिव थीम के लिए जाना जाता है। इस साल अंधेरी के राजा की स्थापना को 60 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस साल भी पंडाल को अनोखी थीम से सजाया गया है। खास बात है कि पंडाल में आने वाले भक्तों से किसी भी प्रकार का धन या चढ़ावा नहीं लिया जाता है, सिर्फ नारियल चढ़ाने की अनुमति होती है। हर साल गणेशोत्सव में ‘अंधेरी का राजा’ के दर्शन के लिए नेता, कारोबारी और फिल्म स्टार भी आते हैं। 1966 से आजाद नगर सार्वजनिक उत्सव समिति द्वारा संचालित पंडाल विरासत के साथ एक सांस्कृतिक स्थल बन गया है।