
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (FB Photo)
महाराष्ट्र में इन दिनों मराठा, ओबीसी और बंजारा आरक्षण को लेकर सियासत गरमाई हुई है। इस बीच केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने नागपुर में आयोजित हलबा फेडरेशन के कार्यक्रम में एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में ब्राह्मणों (Brahmin Community) का ज्यादा महत्व नहीं, लेकिन उत्तर भारत में है।
गडकरी ने कहा कि वह भगवान का सबसे बड़ा उपकार मानते हैं कि ब्राह्मण जाति को आरक्षण नहीं मिला। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति का महत्व उसकी जाति, पंथ, धर्म या लिंग से तय नहीं होता, बल्कि उसके गुण और उपलब्धि ही उसे बड़ा बनाते हैं। गडकरी ने कहा, "मैं खुद ब्राह्मण जाति से हूं, लेकिन मुझे सबसे बड़ा वरदान यही लगता है कि हमें आरक्षण नहीं मिला।"
उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र में ब्राह्मण जाति की उतनी अहमियत नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में दुबे, त्रिपाठी, मिश्रा जैसे ब्राह्मण परिवारों का सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव काफी बड़ा है। जैसे महाराष्ट्र में मराठा समाज का महत्व है, वैसे ही उन राज्यों में ब्राह्मण समाज की ताकत है।
गडकरी ने जात-पात के मुद्दे से परे जाते हुए कहा, "मैं जात-पात को मानता ही नहीं। कोई भी व्यक्ति न तो जात, न धर्म, न पंथ और न ही लिंग से बड़ा होता है। उसकी असली पहचान उसके गुणों से बनती है।"
कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने समाज के युवाओं से अपील की कि वे शिक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि समाज में जिनके बच्चे सुशिक्षित हैं, उन्हें समाज को सुशिक्षित बनाते हुए, इस समाज की आर्थिक प्रगति के लिए युवा बच्चों को दिशा देनी चाहिए।
Published on:
21 Sept 2025 11:21 am
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