
पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार ने बजट सत्र के दौरान पुरानी पेंशन को लेकर अहम जानकारी दी है। इसका असर देशभर के लाखों सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा। हाल ही में लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार सांसद पहुंचने वाली महाराष्ट्र के सोलापुर से सांसद प्रणीति शिंदे (Praniti Shinde) ने सदन में पहला सवाल पुरानी पेंशन के संदर्भ में पूछा है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग लगातार उठ रही है। ओपीएस के लिए महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में सरकारी कर्मचारियों ने बड़ा आंदोलन भी किया। तब राज्य सरकार ने आश्वासन देकर आंदोलन को टाल दिया था। हालांकि, राज्य के सरकारी कर्मचारियों को अभी भी पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की भी यही मांग है। इसी को लेकर कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर संसद में सवाल पूछा। हालांकि, केंद्र सरकार ने इससे साफ इनकार कर दिया है, जिससे करोड़ों सरकारी कर्मचारियों के हाथ निराश लगी है।
कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया था कि “क्या सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने पर विचार कर रही है और यदि हां, तो 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए सभी लोगों के लिए इसे कब तक लागू किए जाने की संभावना है।“
शिंदे के सवाल पर लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा, “केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में पुरानी पेंशल स्कीम को बहाल करने के लिए भारत सरकार के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।”
देशभर के सरकारी कर्मचारी पिछले कई वर्षों से पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग कर रहे हैं। दरअसल पुरानी पेंशन योजना 2005 में बंद कर दी गयी थी। ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी को उनके अंतिम आहरित वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन दी जाती है। साथ ही कर्मचारियों को कंट्रीब्यूशन भी नहीं करना पड़ता था। जबकि नई पेंशन योजना (NPS) के तहत राज्य सरकार के कर्मचारी को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान पेंशन के लिए देना पड़ता है और सरकार भी उतना ही योगदान देती है। फिर वह पैसा पेंशन फंड में निवेश किया जाता है और रिटर्न बाजार से जुड़ा होता है। यानि पेंशन कितनी मिलेगी यह तय नहीं है।
Updated on:
23 Jul 2024 06:44 pm
Published on:
23 Jul 2024 06:43 pm
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