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पुणे जमीन सौदा रद्द होने के बाद भी पार्थ को देने पड़ेंगे 42 करोड़, अजित पवार बोले- इंसान अनुभव से ही सीखता है

Parth Pawar Land Case: कांग्रेस ने कहा, एनसीपी प्रमुख अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़े जमीन खरीद में इस्तेमाल किये गए पैसे कहां से आये? लोग इसका जवाब भी चाहते है। सरकार सिर्फ दिखावे के लिए जांच करवा रही है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Nov 09, 2025

Ajit Pawar on Pune Land Scam

बेटे पार्थ के साथ अजित पवार (Photo: IANS)

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़े 300 करोड़ रुपये के भूमि सौदे की जांच शुरू हो चुकी है। इस बीच, एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने घोषणा की कि उनके बेटे पार्थ पवार की कंपनी अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी (Amadea Enterprises LLP) द्वारा किया गया भूमि सौदा रद्द कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, अब कंपनी को दोगुना स्टांप ड्यूटी यानी लगभग 42 करोड़ रुपये चुकाने होंगे ताकि यह सौदा आधिकारिक तौर पर रद्द हो सके।

पार्थ से नहीं मिला हूं- अजित पवार

यह मामला सामने आने के बाद अजित पवार शनिवार को पहली बार पुणे पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवादास्पद भूमि सौदे पर गलती को स्वीकार किया, साथ ही अपने बेटे पार्थ पवार का बचाव भी किया। उन्होंने कहा, “यह मामला सामने आने के बाद से मैं अभी तक पार्थ से नहीं मिला हूं। मैं कल उससे बात करूंगा। चाहे कितने भी भरोसेमंद लोग क्यों न हों, ऐसे सौदे हमेशा विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही करने चाहिए। भले कुछ पैसे ज्यादा खर्च हो जाएं। आखिरकार इंसान अनुभव से ही सीखता है। वह अब आगे से पूरी सावधानी बरतेगा।”

CM फडणवीस का विपक्ष को जवाब

इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि इस मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है और किसी को भी बचाने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा, इस जमीन सौदे में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

फडणवीस ने बताया कि इस प्रकरण में कंपनी, उसके सिग्नेचरी और विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि, पार्थ पवार का नाम एफआईआर में शामिल नहीं है। इस पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग यह तक नहीं जानते कि एफआईआर होती क्या है, वही बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। एफआईआर हमेशा उन पक्षों के खिलाफ होती है जो सीधे लेन-देन में शामिल होते हैं। इस मामले में कंपनी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया है।”

अजित पवार ने इससे पहले कहा था कि उन्होंने इस जमीन सौदे की पूरी जानकारी जुटाई और सीएम फडणवीस से बात कर जांच के आदेश देने का आग्रह किया था। उन्होंने साफ कहा, मैंने 35 साल के अपने राजनीतिक करियर में कभी किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया। इस भूमि सौदे से उनका या उनके कार्यालय का कोई संबंध नहीं है। अजित पवार ने आगे कहा, अगर मेरे परिवार का कोई भी सदस्य कुछ गलत करेगा, तो मैं उसका समर्थन नहीं करूंगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पार्थ को इस लेनदेन के बारे में जानकारी नहीं थी।

कांग्रेस ने लगाये गंभीर आरोप

पुणे के इस जमीन सौदे ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। राज्य कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मांग की कि राज्य सरकार इस भूमि लेनदेन पर एक श्वेतपत्र जारी करे और विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे पर पूरे दिन की चर्चा कराए।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यभर में जमीन के सौदों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं और जमीन घोटालों के मास्टरमाइंड मंत्रालय से ही काम कर रहे हैं। भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार इन घोटालों में शामिल लोगों को बचा रही है।

सपकाल ने कहा, महायुति सरकार पूरी तरह बेशर्म हो गई है। हर दिन एक नया घोटाला सामने आता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। सत्तारूढ़ दल के नेता और उनके रिश्तेदार राज्य को लूट रहे हैं। मुंबई और पुणे में करोड़ों रुपये की जमीन कौड़ियों के भाव हड़प ली गई।

पार्थ पवार से जुड़े पुणे भूमि मामले का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अजित पवार के बेटे पार्थ ने 40 एकड़ ‘महार वतन’ जमीन 300 करोड़ रुपये में खरीदी, इसके लिए सिर्फ 500 रुपये का स्टांप ड्यूटी भरा। उस जमीन पर आईटी पार्क बनाने के प्रस्ताव को जल्दबाजी में मंजूरी दे दी गई और दस्तावेजों में फेरबदल किया गया। अब सरकार कह रही है कि सौदा रद्द कर दिया गया है। यह तो अपराध को मानने जैसा है। लेकिन पार्थ पवार का नाम एफआईआर में नहीं है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पार्थ पवार की कंपनी ने पहले भी पुणे के बोपोडी इलाके में सरकारी कृषि डेयरी की जमीन को जाली दस्तावेजों से हड़प लिया। जमीन खरीदने के लिए जो पैसा इस्तेमाल हुआ, वो कहां से आया? लोग इसका भी जवाब चाहते हैं। सरकार ने जांच के लिए जो कमेटी बनाई है, वो सिर्फ दिखावा है।