
क्या पार्टी में बगावत के बाद BJP पर सॉफ्ट हुए NCP के मुखिया?
pm modi Sharad Pawar Video: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को महाराष्ट्र के पुणे शहर पहुंचे, जहां उन्होंने विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार (Lokmanya Tilak National Award) से भी सम्मानित किया गया। इस कार्य्रकम में पीएम मोदी के साथ मंच पर एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे भी नजर आये।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में विभाजन के बाद पीएम मोदी पहली बार महाराष्ट्र के दौरे पर आये हैं। एनसीपी के अलग होने के बाद शरद पवार और अजित पवार भी पहली बार तिलक स्मारक ट्रस्ट के इस आयोजन में एक मंच पर आए। इस कार्यक्रम के दौरान जब पीएम मोदी मंच पर पहुंच तो उन्होंने शरद पवार से मुलाकात की। पीएम मोदी ने शरद पवार की तरफ हाथ बढ़ाया। फिर पवार ने भी गर्मजोशी से हाथ मिलाया। पवार ने मोदी का हाथ कुछ समय तक पकड़े रखा और दोनों दिग्गज नेता हंसकर बातें करते नजर आये। यह भी पढ़े-शरद पवार ने उद्धव ठाकरे और कांग्रेस की नहीं मानी बात, विपक्षी एकता की राह से फिर चले अलग!
इसके बाद जब पीएम मोदी कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे से मिलने के लिए आगे बढ़े तो शरद पवार मुस्कराते हुए उनकी पीठ थपथपाते दिखे। यही नहीं कार्यक्रम में जब शरद पवार की बोलने की बारी आई तो उन्होंने न तो प्रधानमंत्री और न ही बीजेपी पर कोई जुबानी हमला बोला। उनके भाषण में सत्ताधारी पक्ष के लिए कुछ तंज कसने जैसा नहीं था।
मंच पर से एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "मैं लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रधानमंत्री मोदी को हार्दिक बधाई देता हूं।" अपने भाषण में पवार ने ज्यादातर लोकमान्य तिलक और अन्य महापुरुषों के बारे में बात की। ट्रस्ट ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था।
साथियों की बात अनसुनी की!
दिलचस्प बात यह है कि उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के कई नेताओं ने शरद पवार से इस समारोह में न जाने का अनुरोध किया था। इस संबंध में शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उन्हें संदेश भी भेजा था। लेकिन शरद पवार ने उद्धव और ‘इंडिया’ गठबंधन की पार्टियों की मांग को खारिज कर दिया है और कार्यक्रम में शामिल हुए। खबर है कि कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) को पवार का मोदी के साथ मंच पर बैठना पसंद नहीं आया है।
इससे पहले अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर भी शरद पवार ने कांग्रेस और उद्धव गुट से अलग रुख अपनाया था। जबकि वीर सावरकर के मामले में भी एनसीपी का राह कांग्रेस से अलग थी। शरद पवार के भतीजे व महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार पिछले महीने बगावत करते हुए पार्टी विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे।
मालूम हो कि जब पुणे में कार्यक्रम को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगनी शुरू हुईं तो बीजेपी की ओर से कहा गया कि पीएम मोदी और शरद पवार नॉन पॉलिटिकल कार्यक्रम में साथ बैठेंगे, इस पर राजनीति करना ठीक नहीं है। पीएम मोदी इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले 41वें व्यक्ति है।
Published on:
01 Aug 2023 06:05 pm
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