30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

निशिकांत दुबे के बयान से महाराष्ट्र में सियासी उबाल, संजय राउत बोले- दम नहीं तो छोड़ दो पद, CM फडणवीस ने दिया जवाब

Nishikant Dubey on Marathi : बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान को लेकर महाराष्ट्र में सियासी बवाल गहराता जा रहा है। जहां बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुटी है, वहीं विपक्ष ने इसे मराठी अस्मिता का मुद्दा बनाकर आक्रामक रुख अपनाया है।

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Jul 08, 2025

Sanjay Raut Devendra fadnavis

संजय राउत ने सीएम फडणवीस पर किया कटाक्ष (Photo: IANS)

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने दुबे के बयान को मराठी अस्मिता पर हमला बताते हुए महाराष्ट्र की महायुति सरकार को घेरा है। हालांकि बीजेपी नेता के बयान पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रतिक्रिया दी है।

संजय राउत ने बोला तीखा हमला

शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने निशिकांत दुबे पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, "ये दुबे है कौन है? उन्हें क्या यहां के हिंदी भाषी लोगों ने बोलने का अधिकार दिया है... मैं यहां के हिंदी भाषी नेताओं से अपील करता हूं कि वे दुबे के बयान की निंदा करें। तभी मैं मानूंगा कि आप महाराष्ट्र के हैं।"

उन्होंने सीएम फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और उनकी कैबिनेट की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा,"जब एक बीजेपी सांसद मराठी लोगों के खिलाफ बयान दे रहा है तो मुख्यमंत्री मौन क्यों हैं? उन्हें छत्रपती शिवाजी महाराज और बालासाहेब ठाकरे का नाम लेने का कोई अधिकार नहीं है।“

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष करते हुए राउत ने कहा, “जो डुप्लिकेट शिवसेना का नेता बना फिरता है, उसे दाढ़ी कटवा लेना चाहिए और पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और जाकर मोदी-शाह से पूछना चाहिए कि महाराष्ट्र में क्या हो रहा है। महाराष्ट्र में कभी हिंदी भाषियों पर हमले नहीं हुए। दुबे को ठीक करना देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार की जिम्मेदारी है। अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं तो पद से इस्तीफा देना चाहिए।”

सीएम फडणवीस ने किया बचाव

बीजेपी नेता व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निशिकांत दुबे के बयान को लेकर कहा, "निशिकांत दुबे ने जो कहा, वह आम मराठी लोगों के लिए नहीं, बल्कि उन संगठनों के खिलाफ कहा, जिन्होंने इस विवाद को हवा दी। हालांकि मैं मानता हूं कि उनका बयान पूरी तरह से सही नहीं था। महाराष्ट्र और मराठी लोगों का देश की प्रगति में जो योगदान है, उसे कोई नकार नहीं सकता। अगर कोई करता है, तो वह गलत होगा।”

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी निशिकांत दुबे की आलोचना करते हुए कहा, "पहले बीजेपी मंत्री आशीष शेलार ने मराठी हिंदुओं की तुलना पहलगाम के आतंकियों से की, और अब निशिकांत दुबे का बयान आया है। मैं पूछना चाहती हूं कि राज्य के मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं? अगर बीजेपी दुबे के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तो यह पार्टी के असली चरित्र को उजागर करेगा।”

कांग्रेस का बीजेपी पर हमला

इस मामले पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने आरोप लगाते हुए कहा, "निशिकांत दुबे हर बार बीजेपी के ध्रुवीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं, उनका काम ही ध्रुवीकरण करना है... उनकी कोशिश हिंदी और मराठी के बीच लड़ाई पैदा करना है, यह उनकी साजिश है, यह उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है।”

वहीं, कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, "निशिकांत दुबे को मराठी लोगों और महाराष्ट्र की व्यवस्था को अपमानित करने का कोई अधिकार नहीं है। यहां भाजपा की ही सरकार है, क्या वह हर राज्य में अलग-अलग कहानी गढ़ेंगे? यह छत्रपती शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है, जहां सभी धर्म और जातियों को साथ लेकर न्याय दिया गया। इस राज्य पर कोई उंगली उठाए, यह हम सहन नहीं करेंगे।”