जानकारी के मुताबिक, पुणे से बीजेपी सांसद गिरीश बापट का इलाज घर पर ही चल रहा था। इस बीच बुधवार को वरिष्ठ नेता की हालत ज्यादा ख़राब होने पर उन्हें मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुणे की स्थानीय राजनीति में गिरीश बापट का दबदबा लंबे समय से कायम है। इसी के चलते हाल ही में हुए पुणे कस्बा पेठ उपचुनाव में वे व्हीलचेयर पर बैठकर प्रचार अभियान में शामिल हुए थे। अंतिम संस्कार आज शाम 7 बजे वैकुंठ श्मशान घाट में होगा।
बापट का इलाज पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के आईसीयू में चल रहा था। हालत गंभीर होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया थ। बापट के निधन की खबर सुनने के बाद चंद्रकांत पाटिल, देवेंद्र फडणवीस समेत बीजेपी के बड़े नेता पुणे के लिए रवाना हो गए हैं। उधर, अपने चहेते नेता के निधन के बाद बीजेपी कार्यकर्ता अस्पताल के बाहर उमड़ पड़े हैं।
गिरीश बापट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक थे। उन्होंने जनसंघ से राजनीति में प्रवेश किया था। नगरसेवक के रूप में शुरुआत करने वाले बापट ने 1995 में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा और 2014 तक लगातार पांच बार विधायक चुने गए।
हालांकि, 1996 में उन्हें पुणे से बीजेपी ने लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया. लेकिन बापट हार गए और कांग्रेस के सुरेश कलमाडी सांसद बन गए। फिर 2014 में गिरीश बापट लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। हालांकि, पार्टी ने अनिल शिरोले को मौका दिया। लेकिन, 2019 में गिरीश बापट ने सांसद का टिकट हासिल कर लिया। तब चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के मोहन जोशी को 96 हजार वोटों से हराया था।