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Ratan Tata Will: रतन टाटा की 10000 करोड़ की वसीयत आई सामने, जानें किसका-किसका नाम?

उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर की रात में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Oct 25, 2024

Ratan Tata Will

Ratan Tata Property : दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा ने अपनी संपत्ति अपने फाउंडेशन, भाई जिम्मी टाटा (Jimmy Tata), सौतेली बहनों शिरीन (Shireen) और डिएना जीजीभॉय (Deanna Jeejabhoy), घर के स्टाफ और अन्य को दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रतन टाटा ने 10,000 करोड़ से अधिक की वसीयत में अपने परिवार के सदस्यों, वफादार कर्मचारियों, पालतू कुत्ते टीटो (Tito), दोस्त शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) और चैरिटी का जिक्र किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाई जिम्मी, सौतेली बहनें शिरीन व डिएना, बटलर सुब्बैया (Butler Subbiah) और शांतनु नायडू का नाम वसीयत में शामिल है। जबकि टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को दी जाएगी।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की संपत्तियों में अलीबाग में 2,000 वर्ग फीट का एक बीच बंगला, मुंबई में जुहू तारा रोड स्थित 2 मंजिला आवास और 350 करोड़ से अधिक की एफडी शामिल हैं। रतन टाटा की संपत्तियों में 165 बिलियन डॉलर के टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स में 0.83 फीसदी की हिस्सेदारी भी शामिल है।

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रतन टाटा ने वसीयत में उनके पालतू कुत्ते टीटो का भी नाम है। उन्होंने छह साल पहले जर्मन शेफर्ड टीटो (German Shepherd Tito) को गोद लिया था. टिटो की देखभाल अब रतन टाटा के दशकों से कुक रहे राजन शॉ करेंगे।

रतन टाटा ने अपने दोस्त शांतनु नायडू के स्टार्टअप 'गुडफेलोज़' (Goodfellows) में हिस्सेदारी छोड़ी है. साथ ही विदेश में पढ़ाई के लिए लिया गया उनका पर्सनल लोन भी माफ किया है।

रतन टाटा ने अपने कार्यकारी सहायक शांतनु नायडू के उद्यम में भी निवेश किया था। अपनी वसीयत में टाटा ने 'गुडफेलोज़' में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी और नायडू द्वारा विदेश में पढ़ाई के लिए लिया गया लोन भी माफ कर दिया है। 

30 वर्षीय शांतनु रतन टाटा के भरोसेमंद सहायक होने के साथ ही टाटा ट्रस्ट के सबसे युवा मैनेजर है. उनकी टाटा से दोस्ती 2014 में शुरू हुई थी। जब शांतनु ने आवारा कुत्तों को रात में कारों की चपेट में आने से बचाने के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाया। शांतनु की इस पहल से प्रभावित होकर टाटा ने उन्हें अपने लिए काम करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने हर तरह से शांतनु की मदद की।

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बता दें कि टाटा समूह की मूल कंपनी टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। दिग्गज भारतीय कारोबारी 86 वर्ष के थे।