7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Maharashtra Politics: फडणवीस नहीं चाहते थे कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन टूटे… संजय राउत का सनसनीखेज खुलासा

Sanjay Raut on Devendra Fadnavis : संजय राउत ने दावा किया कि देवेंद्र फडणवीस शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को बनाए रखना चाहते थे। लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के कारण गठबंधन टूट गया।

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Mar 25, 2025

महाराष्ट्र की राजनीति में कोई नया मोड़ आने वाला है? दरअसल यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने एक बड़ा खुलासा किया है। राज्यसभा सांसद राउत ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस नहीं चाहते थे कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन टूटे। नासिक दौरे के दौरान संजय राउत ने पत्रकारों से कहा कि 2014 में फडणवीस इस बात पर अड़े थे कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन नहीं टूटना चाहिए।

इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए 2014 में शिवसेना और बीजेपी के बीच हुए नाटकीय विवाद की अंदरूनी कहानी बताई। मुंबई में सोमवार को आयोजित सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर के अभिनंदन समारोह में फडणवीस ने शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के टूटने के कारणों के बारे में खुलकर बात की।

बीजेपी नेता फडणवीस ने कहा, "हम शिवसेना को 147 सीटें देने के लिए तैयार थे, बीजेपी 127 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली थी। यह तय हुआ था कि मुख्यमंत्री शिवसेना की तरफ से होगा, जबकि उपमुख्यमंत्री बीजेपी से होगा। लेकिन उद्धव ठाकरे 151 सीटों पर अड़े रहे और यही वह समय था जब गठबंधन टूट गया। शायद तब विधि का विधान यह था कि मुझे मुख्यमंत्री बनना था।"

इसके बाद नासिक में प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने फडणवीस का बचाव करते हुए जो बातें कही, उससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।

संजय राउत ने क्या कहा?

संजय राउत ने कहा कि बीजेपी शुरू से ही बालासाहेब ठाकरे के विचारों के साथ थी क्योंकि उन्हें लगता था कि अगर हिंदुत्व का प्रखर प्रचार करना है तो बालासाहेब का समर्थन जरूरी है। बाबरी मस्जिद विध्वंस और राम मंदिर आंदोलन के बाद शिवसेना पूरे देश में चुनाव लड़ने की तैयारी में थी। देश में बालासाहेब ठाकरे के नाम की लहर थी। इसके चलते यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे हिंदी भाषी राज्यों में 60-65 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला हो चुका था और अनुमान था कि कम से कम 40 सीटों पर जीत मिल सकती थी। लेकिन जब यह बात बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची, तो उनके होश उड़ गए।

यह भी पढ़े-कुणाल कामरा ने ‘सुपारी’ लेकर एकनाथ शिंदे पर साधा निशाना, सबक सिखाएंगे… CM फडणवीस का बड़ा बयान

'शिवसेना ने त्याग किया'

संजय राउत ने आगे कहा, अटल बिहारी वाजपेयी ने खुद बालासाहेब ठाकरे को फोन कर अनुरोध किया कि शिवसेना को राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव नहीं लड़ना चाहिए क्योंकि इससे हिंदू वोट बंट जाएंगे और बीजेपी हार जाएगी, कांग्रेस को फायदा होगा। जिसके बाद बालासाहेब ने अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में फैसला वापस लिया और शिवसेना ने महाराष्ट्र के बाहर अपने उम्मीदवार उतारने की योजना रोक दी। राष्ट्रीय स्तर पर हम ही थे, लेकिन हमने त्याग किया।

राउत का दावा- गठबंधन के लिए अड़े थे फडणवीस

उद्धव गुट के नेता कहा, 2014 चुनाव में एक-एक सीट को लेकर 72-72 घंटे तक चर्चाएं चलीं। मैं उसमें था। तब बीजेपी के प्रभारी ओम माथुर भी थे। हम उनका सारा खेल देख रहे थे। राउत ने दावा किया कि देवेंद्र फडणवीस तब किसी भी हाल में गठबंधन बना रहे ऐसा चाहते थे, वह पूरी कोशिश कर रहे थे। लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के फैसले के कारण गठबंधन टूट गया।