
महाराष्ट्र से एक चौंकाने वाली खबर है। संत तुकाराम महाराज के वंशज और प्रसिद्ध व्याख्याता शिरीष महाराज मोरे ने अपनी जीवन यात्रा समाप्त कर ली है। शिरीष महाराज संत तुकाराम महाराज (Sant Tukaram Maharaj) के ग्यारहवें वंशज थे। उनके अचानक निधन से पूरे वारकरी समुदाय में शोक छा गया है।
इस घटना से श्रीक्षेत्र देहू में सनसनी फ़ैल गई है। उन्होंने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, इसकी अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल सकी है। लेकिन पुलिस को शिरीष महाराज का कथित सुसाइड नोट मिला है। इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार शिरीष महाराज ने आर्थिक तंगी के कारण यह कदम उठाया है। उन्होंने मंगलवार (5 फरवरी) की रात में फांसी लगा ली। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, शिरीष महाराज मोरे का आज सुबह उनके घर पर शव मिला। शुरुआती जांच में पता चला है कि उन्होंने आत्महत्या की है। उनका पोस्टमॉर्टम पिंपरी-चिंचवड के यशवंतराव चव्हाण अस्पताल में किया गया। देहूरोड पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शिरीष महाराज मोरे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक और शिवशंभु प्रतिष्ठान के अध्यक्ष होने के साथ ही प्रखर हिंदुत्व विचारक के रूप में जाने जाते थे। शिरीष महाराज की हाल ही में शादी होने वाली थी।
शिरीष महाराज मोरे की आत्महत्या के बाद उनके द्वारा लिखा कथित पत्र सामने आया हैं। इस नोट में उन्होंने कर्ज का जिक्र किया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि किस का कितने रुपये का कर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने सुसाइड नोट में अपनी होने वाली पत्नी का भी जिक्र किया है। बताया जा रहा है कि शिरीष मोरे ने कुल चार चिट्ठियां लिखी हैं। प्रत्येक में अलग-अलग बातें कही गई है। एक में उन्होंने अपनी होने वाली पत्नी का उल्लेख किया है।
Updated on:
05 Feb 2025 11:26 pm
Published on:
05 Feb 2025 08:28 pm
बड़ी खबरें
View Allमुंबई
महाराष्ट्र न्यूज़
ट्रेंडिंग
